महरैल में नीलगायों का उपद्रव
अंधराठाढ़ी (मधुबनी)अंधराठाढ़ी की महरैल पंचायत में नीलगायों के उपद्रव से किसानों का हाल बेहाल है। तंग आकर कई किसानों ने खेती तक छोड़ दी है। फलत: उनके बीच भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जबकि कृषकों को अपने जमीन का राजस्व भी सरकार को अदा करना पड़ रहा है। पंचायत की मुखिया मीना देवी ने नीलगायों से हो रही फसलों की बर्बादी रोकने हेतु उचित उपाय करने तथा अब तक हुए फसलों की क्षति का मुआवजा देने की मांग उच्चाधिकारियों से बतौर आवेदन की है। विदित हो कि उक्त पंचायत का कमला नदी के पूर्वी व पश्चिमी दोनों तटबंधों के बीच में हजारों एकड़ में लगी किसानों की लहलहाती फाल को झुंड के झुंड में आकर नीलगायें नष्ट कर देती है। समाज सेवी प्रो. गीता नाथ झा, उप मुखिया सुनील मिश्र, कृषक दिनेश झा आदि ने बताया कि इस क्षेत्र में 200 से 250 की संख्या मे नीलगायें है। इनका आतंक विगत पाचं वर्षो से क्षेत्र में भारी तबाही मचा रही है। जिससे सलाना करोड़ों रुपये की क्षति हो रही है। किसानों को मन अब खेती से टूट गया है। बताते चलें कि महरैल पंचायत कमला नदी के किनारे अवस्थित है जहां किसानों का 2200 एकड़ भूमि दोनों तटबंधों के बीच में है। यहां के किसान बालू मिट्टी पर कड़ी मेहनत से नकदी फाल के साथ साथ सब्जी भी उगाते हे। जिसका निलगायें अपना आहार बना लेती हैं। एक समय मे करीब सात किमी के दायरे में फैली भूमि मे किसान ईख, परवल, केला आदि नगदी व सब्जी की खेती कर सोना उपजाते थे।
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