पथरा गई आंखें, नहीं खुलीं चीनी मिलें
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिल खोलने की घोषणा की थी
आर्थिक संकट से जूझ रहे कर्मी
पैसे के अभाव में नहीं होता समुचित इलाज
पंडौल (मधुबनी) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2005 के विधान सभा चुनाव के दौरान बंद चीनी मिलें लोहट, सकरी व रैयाम को उनकी सरकार बनने पर खोलने की घोषणा की थी। लेकिन आज तक एक भी बंद चीनी मिल नहीं खुली है। लोगों की आंखें पथरा गई। इन मिलों में कार्यरत कर्मियों के बकाए का भुगतान वर्षो से नहीं हो रहा है। इनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गयी है कि इलाज कराने के लिए भी पैसे का संकट बना रहता है। वर्षो पूर्व राज्य सरकार ने सकरी व रैयाम चीनी मिलों को लम्बी अवधि की लीज पर निजी क्षेत्र की कम्पनी मेसर्स तिरहुत इंडस्ट्रीज को दिया। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने सकरी चीनी मिल को तिरहुत इंडस्ट्रीज को 18 करोड़ 25 लाख में देने का फैसला लिया था। कम्पनी ने दस प्रतिशत राशि का निवेश अब तक किया है। कम्पनी को चार किस्तों में राशि देनी है और चालीस प्रतिशत राशि जमा करने पर ही सरकार कम्पनी को मिल सिपुर्द करेगी। कर्मचारियों के बकाए का भुगतान अब तक नहीं हो सका है।
सकरी में नहीं खुलेगी चीनी मिल : प्रबंध निदेशक
सकरी चीनी मिल की जमीन को लीज पर लेने वाली कम्पनी तिरहुत इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार चौधरी ने बताया कि मिल से अब चीनी का उत्पादन नहीं हो सकता है। इस परिसर में अन्य उत्पादनों की यूनिटें चलाई जा सकती हैं। उन्होंने जोड़ देकर कहा कि सकरी में अभी उत्पादन शुरू होने में वक्त लगेगा। क्योंकि सरकार को अब तक पूरा भुगतान नहीं हो पाया है। सब कुछ ठीक रहा तो दो तीन महीनों में प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
पेच में फंसा है बकाए का भुगतान
सरकारी खाते में पड़े हैं 20.08 करोड़ रुपए
सरकार का आदेश ही बंद सकरी व रैयाम चीनी मिलों के कामगारों के बकाए के भुगतान में बाधक बना हुआ है। पेच वहीं पर लग गया है। जबकि सरकारी खाते में 17 माह से बकाए के भुगतान को 20.08 करोड़ रुपए पड़े हुए हैं। मालूम हो कि ईखायुक्त, बिहार सरकार ने अपने पत्रांक अधि. ची . मि. 01 / 2010 -49 बजट दिनांक 19.3.10 को मधुबनी की सकरी व दरभंगा की रैयाम चीनी मिलों के बकाएदारों के भुगतान को क्रमश: 10.82 करोड़ व 9.24 करोड़ रुपए आवंटित किए। उनके द्वारा इन जिलों के जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में वर्णित है कि बिहार राज्य चीनी निगम लिमिटेड की इकाई सकरी व रैयाम को लम्बी अवधि की लीज पर निजी क्षेत्रों के निवेशकों को हस्तानांतरित किए जाने के क्रम में निगमकर्मियों के बकाए वेतनादि एवं उनके सेटलमेंट पर होने वाले व्यय 20.06 करोड़ रुपए हैं। पत्र में इसके साथ में पेच जोड़ दिया गया है कि सकरी व रैयाम इकाई के लिए निवेशक मेसर्स तिरहुत इंडस्ट्रीज द्वारा निर्धारित राशि के भुगतान करने एवं एकरारनामा दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होने के बाद ही इन दोनों इकाइयों के कर्मियों के बकाए का भुगतान किया जाएगा।
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