इंडिया का कानून हाय,हाय |
एक और सिपाही चढ़ गया सूली पर,निकम्मी सरकार हल खोजती रह गई और कोई अनाथ,तो कोई बेवा हो गई | हम सब जानते है कि लखीसराय में क्या हो रहा है,मगर यहाँ कि अंधी कानून या फिर रूपये पैसे के हाँथो बिकी कानून कहें, समझ में नहीं आता क्या कहूँ ? पहली बात जब अपराधी गिरफ्तार हो जाते है,और वो अपना अपराध कबूल भी कर लेते है,तब उन्हें सरकार या,कोर्ट क्यों अपना दामाद बना कर मुफ्त कि मेहमानबाजी कराती है | अपराध कबूल करते ही उसे फांसी या गोली क्यों नहीं मार दी जाती है ? क्यों कभी I C 814 जहाज को हाइजेक करने कि नॉबत आने दी गई,तो कभी पुलिस के जवान को कब्जे में कर चार के बदले आठ को मुक्त करने कि शर्त कि नॉबत आई ? अल्लाह न करे अगर नक्सली ने सच में एक जवान को आज शाम मार डाला है,तो मेरे नज़र में मुख्य मंत्री नीतीश कुमार पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए | मानव अधिकार आयोग और उनके जेसी सभी खोखली संस्था को शर्म होना चाहिए और सरकार से पूछना चाहिए कि जब मुफ्ती मोहम्मद सईद कि बेटी आतंकवादी के चंगुल में होती है तो कोई भी आतंकवादी को छोरा जा सकता है, मगर आज चंद नक्सली के बदले हमारे जवान कि जान क्यों ली गई ? क्यों बिहार या केंद्र सरकार को अपने सुरक्षाकर्मियों पर यकीन नहीं है ? क्यों सरकार अपने नेताओं का वेतन हजारो बड़ा देती है क्या उसी राशि से सुरक्षाकर्मियों अत्याधुनिक नहीं किया जा सकता था ? नीतीश सरकार को जो वक़्त अपराधियों ने दिया उसमे कोई भी फैसला लिया जा सकता था लेकिन सरकार कि चुप्पी ने एक कि जान जाने दिया क्यों ?
आप का
अयाज़ महमूद रूमी
सकरी मधुबनी
9708137399
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