चुनावी दंगल का अलार्म बजा,शुरू हुआ जनता कि अदालत का वक़्त
चुनाव का बिगुल बजते ही खाधी कपड़ों कि मांग बढ़ी,नेता जनता जनार्धन कि ओर दौर लगाने लगे,मगर इस बार जनता फिर कुछ बोलने से रहे,क्योकि विकाश कि झूठी यात्रा,मुस्लिम मुख्य मंत्री का झूठा अलाग,जनता देख चुकी है,रामविलाश पासवान हो या लालू यादव या नीतीश कुमार सब समान्य है,कुर्शी प्रेम सब को है,कल तक मुस्लिम मुख्य मंत्री का झूठा नारा देने वाले लालू + पासवान ने अपनी विरासत समझ कर मुख्य मंत्री पद पर दावा कर मुस्लिमो को ठगा है | तो नीतीश कुमार ने बिहार कि जनता खास कर मिथला कि जनता जनार्धन को चीनी मिल का सपना दिखा कर विकाश यात्रा से चुप करने कि नाकाम कोशिस की है | मगर ये पब्लिक है भाई सब जानती है....| विकाश के नाम पर नीतीश कुमार ने सरकार के खजाने को दोनों हाथो से लुटाया जिसका प्रमाण है करोड़ों खर्च का हिसाब नहीं मिलाना | यात्रा के नाम पर लाखो खर्च कर दिए मगर कई छेत्र में छोटे-छोटे उद्योग एवं उनमे काम करने वाले कर्मी अपने उद्धार के इंतजार में नीतीश के कई राह देखते रह गये | तीसरी बड़ी पार्टी कांगेस ,पहली बार बिहार में सभी सीटों पर एक साथ अपने बल-बूते चुनाव में उतरी है | इतिहास के विकाश एवं पार्टी के कार्यकर्ताओं के साफ छवि एवं राहुल सोनिया के देश प्रेम को देखते हुए नवयुवकों का रुझान कांगेस पार्टी की ओर जाने की उमीद है | मगर 15% मुस्लिम मतदाता पर सभी की नज़र है,अब तो भाजपा जैसी पार्टी भी अल्पसंख्न्यक को रिझाने में लगी है | जो भी हो इस बार चुनाव बिहार में बड़ा उलट-फेर होने वाला है |
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