तत्काल सेवा के नाम पर धोखा
प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के सौजन्य से राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा उपलब्ध सदर अस्पताल के एंबुलेंस का माकूल लाभ यहाँ मरीजों को नहीं मिल रहा है। यहां 108 नंबर पर टेलीफोन डायल करने पर पटना से मरीजों को एंबुलेंस उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाता है परंतु इस नये एंबुलेंस का रोड टैक्स, इंस्योरेंस एवं रजिस्ट्रेशन नहीं रहने के कारण यह आतुर वाहन पटना के लिए प्रस्थान नहीं करता है। रास्ते में कागजात चेकिंग का भय दिखाया जाता है |।ऐसा ही मामला सकरी निवासी एवं पत्रकार अयाज़ महमूद रूमी के पिता को हार्ड एवं ब्रेन हेमरेज की शिकायत पर डॉ.ने पटना डिंऍमसीएच रेफर किया | 108 की सेवा ली गयी वाहन आधा घंटे में आगयी मगर वाहन पर नियुक्त कर्मी ने आतुर वाहन को पटना ले जाने में असमर्थ बता कर जाने से इंकार कर दिया |काफी निवेदन एवं कुछ लें दें पर बात DMCH तक लेजाकर छौर देने पर राजी हुए मगर उसे पहले मधुबनी से रेफर करने को आवयशक बताया गया |जो अंतिम साँस ले रहे मरीज के साथ 15 की.मी.पीछे जाना और रात के 3 बजे डॉ.का मिलकर रेफर कराना आसन नहीं होता देख उक्त लोगो ने मरीज को लेजाने का अन्य साधन प्रबंध कर पटना गये | यदा कदा दरभंगा जाने के क्रम में भी गाड़ी को कई बार परेशानी की सूचना है। दूसरी ओर एंबुलेंस का एसी खराब है जिससे गंभीर मरीजों को इस विकट गर्मी में काफी परेशानी का सामना करना होता है। इसमें लगी शॉकिंग मशीन, बीपी टेस्ट मशीन, आवश्यक तत्काल दवाएं एवं ऑक्सीजन सिलेंडर तो उपलब्ध है परंतु इसके संचालन के लिए मात्र एक इएमटी विशेषज्ञ गाड़ी में रहते हैं। दूसरी ओर इस पर तैनात ड्राइवर एवं अन्य कर्मियों को पिछले 15 जून से 24 घंटा का मुकर्रर किया गया है जो नियमानुकुल नहीं बताया गया है कारण 24 घंटा ड्यूटी का प्रावधान नहीं है। इस संदर्भ में जिला स्वास्थ्य समिति अपना पल्ला झाड़ते अस्पताल उपाधीक्षक पर मामले को सौंप रहे हैं।
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