फ़िर से मिथिला और कोसी एक
खास रिपोट
निर्मली : वर्ष 1934 में विभक्त मिथिलांचल व कोसी एक बार फ़िर से एक सूत्र में बंधने जा रहा है. भपटियाही स्थित कोसी पर बनने वाला महासेतू पर आज निर्माण के अंतिम पायदान पर पहुंच गया.
कोसी नदी पर एनएच महासेतू का निर्माण कार्य कर रहे गैमन इंडिया ने मंगलवार की रात में अंतिम सिगमेंट को चढा कर कोसी व मिथिलांचल को एक करने की प्रयास को अंतिम रूप दिया. इस मौके पर मझारी स्थित कैंप में हजारों लोगों की उपस्थिति यह बताने को काफ़ी थी कि इलाके के लिए यह महासेतू किस कदर मायने रखती है.
देर शाम महासेतू पर अंतिम सेगमेंट को चढाकर अभियंताओं ने लक्ष्य विजय के जश्न में डूब गये. बतातें चले कि पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने 6 जून 2003 को इस महासेतु का अधारशिला रखा था. हालांकि निर्माण के दौरान कंपनी को बाढ् समेत अन्य कई झंझावतों से जुझना पड.
पर कंपनी के अभियंताओं ने हौसला टूटने नही दिया. करीब आठ वर्षो के कठिन परिश्रम के बाद बुधवार को महासेतु पर अंतिम सेगमेंट को चढाकर विभाजित मिथिलांचल के रिश्ते को फ़िर से एक करने की कवायद को अंजाम तक पहुंचाने का काम किया है.
मौके पर इलाके तमाम जनप्रतिनिधियों ने गैमन इंडिया कंपनी के अभियंताओं को बधाई दी है.ज्ञात हो कि इस महासेतु में 40 पिलर व 663 सेगमेंट का निर्माण किया गया है.
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