विशेष रिपोर्ट - अयाज़ महमूद रूमी
ससुराल की चौखट पर मांग रही सुहाग की भीख
मधुबनी : सरकार के बहुचर्चित महिला सशक्तिकरण का जीता-जागता प्रमाण आज कल लोहा गांव में दिखने को मिल जायेगा.
जहां एक लाचार व विवश विवाहिता अपने ही घर में जाने की आस में दरवाजे पर बैठी हुई है. विगत 15 दिनों से भूख-प्यास से जूझती उषा अपने ससुराल स्थित घर में जाने की प्रतीक्षा में दरवाजे पर पड़ी हुई है. ससुराल वाले उसे अपने घर में जाने नहीं दे रहे है.गांववालों व आनेवाले प्रत्येक लोगों की ओर उषा इस आस में देखती है कि शायद आज उसे अपने घर में पनाह मिल जाये.
वह अपने बच्चों एवं परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिल सके. उषा को देखने के बाद जिले में कानून एवं पंचायती राज की कल्पना स्वत: ही धूमिल हो जाता है. साथ ही महिला सशक्तीकरण के सरकार के सारे दावे एक ही झटके में टूट जाता है.एक महिला विगत 15 दिनों से अपने ससुराल के बाहर भूखे पेट पड़ी हुई है, लेकिन न तो ग्रामीण सरपंच और न ही जिला प्रशासन ने इस दिशा में कोई पहल की है.
दरभंगा जिला के पंचौभ गांव निवासी बालकृष्ण झा अपने लाडली बेटी उषा की शादी लोहा निवासी नूनू कांत झा के पुत्र अमीत कुमार झा के साथ करीब 12 साल पूर्व धूमधाम से किया. बाप ने दिल खोल कर शादी में खर्च किया. शादी के बाद उषा ने एक बच्ची व दो पुत्र को भी जन्म दिया. शादी के बाद से ही पति बार- बार दहेज को लेकर अपनी पत्नी के साथ मारपीट करता रहता था.
जिससे तंग आकर उषा ने थाने में दहेज प्रताड़ना की प्राथमिकी दर्ज करा दी. इस मामले में पति को जेल की हवा भी खाना पड़ा. तीन-चार माह पहले उसका पति जेल से बाहर निकला है. करीब 15 दिन पूर्व उषा मायके से अपने ससुराल आयी, लेकिन परिवार वालों ने उसे घर में घुसने से साफ़ मना कर दिया. उषा घर के दरवाजे पर ही पड़ी हुई है.ससुराल के लोगों द्वारा खाना भी नहीं दिया जा रहा है.
गांव वाले कभी कुछ दे दिया तो वह खा लेती हैं. आसपास के लोगों द्वारा जरूर इस दिशा में पहल की कोशिश की गयी, लेकिन नतीजा शून्य ही रहा. वहीं ससुराल वालों ने उषा को मानसिक रूप से विक्षिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उषा कई बार अपने ससुराल में आत्महत्या करने की कोशिश भी कर चुकी है. उषा के पति अमित कोर्ट में तलाक की अर्जी भी दे चुके हैं, लेकिन उषा किसी भी सूरत में तलाक नहीं लेना चाहती है. यदि समय रहते इस पर कोई सार्थक पहल नहीं किया गया, तो निकट भविष्य में उषा अपने ससुराल के दरवाजे पर भूख से मर जायेगी.
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