खास रिपोट
बांध के किनारे ही एक छोटा सा घर बनाकर रह रहे ज्ञानी सदाय ने उसे अपने मवेशी घर में आश्रय दे रखा है। वैसे तो उसका अधिकांश समय घूमते-घूमते ही बीत जाता है लेकिन 19 सितंबर सोमवार को दिनभर बारिश होने के चलते कहीं नहीं निकली थी। इसलिए इस संवाददाता को उक्त ठौर पर वह दिख गयी। मालूम हो कि दैनिक जागरण के 19 सितंबर के अंक में वाह मानकी, मां हो तो तुम जैसी शीर्षक से उक्त विक्षिप्त महिला द्वारा एक बच्चे को जन्म देने और फिर एक निर्धन महिला मानकी देवी द्वारा उस नवजात को अपनाने की विस्तृत खबर प्रकाशित हुई थी।
क्या है मामला
आज से करीब तीन हफ्ते पूर्व एक विक्षिप्त महिला रतुआर गांव एवं कोसी बांध पर घूमती दिखी थी। लोगों को उसे देख गर्भवती होने की शंका हुई। अचानक 12 सितंबर को बांध किनारे अपने अस्थायी बसेरा जो पीपल पेड़ तले था पर प्रसव वेदना से वह कराहने लगी। देखते ही देखते महिलाओं की टोली वहां आ गयी और एक बच्ची की किलकारी गूंज उठी।
बांध किनारे ही रहने वाली मानकी देवी जो गांव स्तर पर ही प्रसव कराने वाली (दाई) है, इस प्रसव को कराने में महती भूमिका निभाई। जन्म देने वाली मां की गोद में जब लोगों ने बच्ची को दिया कि वह उसे दूध पिलाए तो विक्षिप्त महिला की बच्चे के प्रति अनाशक्त भाव देख सभी चौंक पड़े। यहां सवाल खड़ा हुआ आखिर बच्ची को अब कौन रखे। किसी ने भी इसका बीड़ा नहीं उठाया। तक मानकी ने उसे रखे का बीड़ा उठाया और ले आई बच्चे को अस्पताल। जहां चिकित्सकों ने उस नवजात की जांच की और उसे स्वस्थ पा विकलांग रिक्शा चालक की पत्नी व सात बच्चों की मां मानकी देवी की इस नवजात बच्चे के प्रति भी ममतामयी प्रेम देख कागजी तौर पर थाना और सीओ को सूचना देने के पश्चात् मानकी देवी को वह बच्ची सौंप दी। तबसे बच्ची को मानकी देवी पाल रही है।
क्या कहते हैं चिकित्सक
स्थानीय अस्पताल प्रभारी डा. विवेकानंद झा कहते हैं कि अब तक बच्चे को जन्म देने वाली मां अस्पताल पर नहीं आई है। इसलिए उसका इलाज नहीं हुआ है। हालांकि मंगलवार को एक एएनएम भेजकर उसका इलाज करवाने की बात अस्पताल प्रभारी ने बतायी।
क्या कहते हैं अंचलाधिकारी
अंचलाधिकारी रविशंकर पांडेय उस विक्षिप्त एवं उसे मानकी देवी द्वारा अपनाये जाने की सारी दास्तान मालूम होने की बात स्वीकारते तो हैं लेकिन सरकारी स्तर पर किसी भी सुविधा देने की बात पर अपना हाथ खड़ा कर देते हैं। कहते हैं कि मेरी नजर में ऐसा कोई प्रावधान नहीं दिखता, जिससे वे विक्षिप्त महिला या उस बच्ची की कोई मदद कर सके।
क्या कहती हैं विधायक
फुलपरास की विधायक गुलजार देवी कहती हैं कि दैनिक जागरण के माध्यम से मामले की जानकारी हुई है। इस संबंध में यथा संभव सहायता उपलब्ध कराई जायेगी।
क्या कहती हैं मानकी
बच्ची को पालन-पोषण के लिए अपनाने वाली मानकी कहती हैं बच्ची कमजोर है। उसे आज सोमवार को अस्पताल ले जाने वाली थी लेकिन बारिश के चलते नहीं गई। बच्ची कभी रोती नहीं है। वैसे उसका स्वास्थ्य ठीक दिखता है।
क्या कहते हैं आम लोग
ग्रामीण कृष्ण मोहन सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, इरानी सदाय सहित अन्य प्रशासन के क्रियाकलाप से काफी क्षुब्ध दिखे। इन लोगों ने बताया कि अब तक कोई खोज खबर नहीं ली गयी है। ज्ञानी सदाय ने बताया कि इस विक्षिप्त महिला के लिए वे कुछ दवा व सूई लाये भी लेकिन कोई देने तक को तैयार नहीं हुआ।
क्या कहते हैं एसडीओ
झंझारपुर के एसडीओ मनोज कुमार सिंह (आईएएस) ने बताया कि शिशु का जन्म देने वाली विक्षिप्त महिला का समुचित इलाज करवाया जाएगा। इसकी व्यवस्था की जा रही है। नवजात शिशु को भी हर संभव सरकारी सुविधाएं मुहैया करवायी जाएगी। इसकी तहकीकात की जा रही है। स्वयंसेवी संस्थाओं से भी जच्चा व बच्चा को सहायता प्रदान करने के लिए आग्रह किया जाएगा।
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