मधुबनी, गिरफ्तार गुएल अहमद जमाली के पिता मो. नसुरुल्लाह जमाल अब भी मानने को तैयार नहीं हैं कि उनका बेटा आतंकी है। कहते हैं अगर वह आतंकी होता तो पुलिस के पास नहीं जाता। हम खुद लेकर पुलिस के पास गए थे। अगर गुनहगार निकला तो मेरा बेटा नहीं होगा। कानून जो सजा देगा वह मान्य होगा। मुल्क के साथ गद्दारी करने वाला मेरा बेटा नहीं हो सकता है। मो.जमाल की आठ संतानें हैं। इनमें सात बेटे व एक बेटी हैं। बेटों का नाम मो. सैमुल्लाह, मो. असदुल्लाह, गुएल अहमद जमाली, मो. वलीउल्लाह, मो.सनील्लाह, बेटी शगुफ्ता नाज, मो. जिउल्लाह, मो. अब्दुल्लाह। घर में जमाल पत्नी, बेटी व सबसे छोटा बेटा मो. अब्दुल्लाह के साथ रहते हैं। अन्य बेटे दिल्ली, हैदराबाद में पढ़ाई कर रहे हैं। किसी की शादी नहीं हुई है। कहते हैं गरीबी में जिन्दगी कट रही है। 19 धूर जमीन में दो कमरे व एक किचेन है। बेटे की गिरफ्तारी से शर्मशार हैं। दुकान खोलने भी नहीं जाते। सकरी में होम्योपैथ की दुकान है।
अजमल के बारे में
अनजान हैं पड़ोसी
अजमल के बारे में आज भी आसपड़ोस के लोग अनजान हैं। वह मधुबनी व्यवहार न्यायालय परिसर में स्टेशनरी की दुकान चलाने वाले मो. नसीर के मकान में बतौर किरायेदार रहता था। मो.नसीर कहते हैं कि वह गत दो माह से किरये के मकान में था। वह बताया करता था कि चौक -चौराहों पर फेरी का काम करता है। पर, खोजने पर कहीं नहीं मिलता था। इतना जरूर है कि वह नमाज का पाबंद था। दिल्ली पुलिस द्वारा अजमल के पाकिस्तानी होने के खुलासे से स्थानीय लोग अचंभित हैं।
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