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विदेशी की गिरफ्तारी से खुले राज



ट्रांजेक्शन डिस्ट्रीक्ट के रूप में हो रहा इस्तेमाल
मधुबनी : एक बार फ़िर से मधुबनी में दो आतंकवादियों की हुई गिरफ्तारी से आमलोग जहां अचंभित है. वहीं पुलिस प्रशासनिक महकमें में बेचैनी है.
सकरी थाना के दरबार टोला में सामान्य परिवार का 23 वर्षीय गुएल अहमद जमाली का संपर्क इतने खतरनाक नेटवर्क से है, सहसा इनके परिजनों को विश्वास नहीं हुआ. इनके पिता नसीरूद्दीन कहते हैं, गलती की है तो फ़ांसी पर लटका दो. परिजनों की नजर में जमाली दरभंगा में तालिम प्राप्त कर रहा है. वह अच्छी तकरीर करता रहा है.
वहीं गिरफ्तार दूसरा आतंकी 30 वर्षीय मो अजमल तो आस्तीन का सांप निकला है. लगभग आठ वर्षो कंबल के फ़ेरीवाले के नाम से चर्चित अजमल विभिन्न इलाके में रहा है. जबकि वह पाकिस्तानी नागरिक है. नगर थाना क्षेत्र के सिंघानियां चौक पर मो नसीर के किराये के मकान में दो महीने से रह रहा था. यह सुएब के नाम से रह रहा था.
साधारण सा दिखने वाले इन दोनों की संलिप्तता देश को तबाह करने वाले दहशतगर्दी से है कि जानकारी लोगों को हिला कर रख दिया है. दिल्ली पुलिस के विशेष सेल द्वारा इन दोनों की हुई गिरफ्तारी एवं चार बड़े आतंकी वारदात में संलिप्तता के खुलासा ने खुफ़िया विभाग और सरकार के घटिया तालमेल की भी पोल खोल दी है.
क्योंकि भारत नेपाल सीमावर्ती इस मधुबनी जिले में आतंकवादियों के मजबूत हो रहे नेटवर्क की रिपोर्ट दस वर्षो से संबंधित विभाग को लगातार भेजी जा रही है. खास बात यह है कि मधुबनी अब भी क्राइमलेस जिला के रूप में अधिक जाना जाता है. माना जा रहा है कि आतंकी इस छवि का जम कर लाभ उठा रहे हैं. और हर घर को दहशतगर्द के खतरनाक नेटवर्क से किसी न किसी रूप में जोड़ने की नीति पर काम कर रही है.
गरीबी का उठा रहे फ़ायदा
खुफ़िया सूत्रों की मानें तो यहां के गरीबी एवं बेरोजगारी का फ़ायदा विदेशी ताकतें उठा रही है. यह ताकतें चार अलग-अलग नेटवर्क इन क्षेत्रों में मजबूत कर लिया गया है. प्राथमिक नेटवर्क में पढ़े लिखे लोगों को लगाया गया है.जिसे इसलामिक उन्माद बढ़ाने के लिए तकरीर करने, दहशतगर्दी से जुड़े किताब व सीडी के वितरण एवं विभिन्न मदरसे में बच्चे के कोमल दिमाग पर असर डालने वाली बातें बताने की जिम्मेवारी दी गयी है.
यह ग्रुप समाज में अच्छी छवी बना रखा है और प्रशासनिक राजनीतिक एवं पुलिस मोरचे पर इनकी पहुंच है जहां से विभिन्न गतिविधियों की जानकारी जुटाता है और आतंकियों को मुहैया कराता है यह टीम देश के विभिन्न क्षेत्रों का लगातार दौरा करता है.
लोकल क्राइम से सांठगांठ
दूसरा विंग आपराधिक चरित्र वाले लोगों का गिरोह है जो तस्करी एवं लोकल क्राइम को चला रहा है. नेपाल से सुपारी, लहसुन एवं इलेक्ट्रॉनिक गुड्स के खेप द्वारा मादक पदार्थ एवं घातक हथियारों की सप्लाई में यह गिरोह है. गौर करने की बात यह है कि इस नेटवर्क का संचालन बड़े रसूखदार एवं सफ़ेदपोश के द्वारा किया जा रहा है. स्थानीय पुलिस इस पर नकेल कसने में सफ़ल नहीं हो सका है.
इसका सबूत है कि इस वर्ष ही फ़ुलपरास, लौकही, खुटौना, साहरघाट, सकरी एवं झंझारपुर में धराये तस्करी के बड़े खेप के बावजूद नेटवर्क का खुलासा नहीं हो सका. बताया जा रहा है कि यही गिरोह विभिन्न प्रदेशों में सामान से भरे ट्रक को लूट कर मधुबनी के रास्ते नेपाल भेजने का काम कर रहा है. राजनगर थाना के विभिन्न इलाके से 2010 में बरामद चायपत्ती का उद्भेदन नहीं हो सका है.
वहीं तीसरा ग्रुप जाली नोट एवं हवाला जैसे करोबार से जुड़ा है. इस नेटवर्क में महिला एवं सोशल वर्क से जुड़े लोग संलिप्त है. फ़िलहाल विभिन्न वारदात में सभी संलिप्तता की स्वीकारोक्ति हो चुकी है. इसके अलावे जाली एवं विदेशी करेंसी के आरोप में जेल में बंद 2009 से बंद मुख्तार की पैरवी के लिए पहुंचे इनके पाकिस्तानी नागरिक हामिद खान की गिरफ्तारी तो अचंभित कर दिया है.सूत्रों की मानें तो काफ़ी असुरक्षित हालत के मधुबनी के जेल से भी इस नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है. हामिद उर्फ़ हमीदुर्र रहमान की कोट कैंपस से हुई गिरफ्तारी सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है.
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Milan Tomic

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