मैट्रिक परीक्षा को ले शहर व गांव में ठहराव को किया निश्चित
--नहीं है पब्लिक पैलेस, जहां एक साथ सस्ते में रह सकें परीक्षार्थी
मैट्रिक परीक्षा आगामी 22 फरवरी से शुरू होने वाली है। जिसके लिए परीक्षार्थी के अभिभावक उसके रहने के लिए ठौर निश्चित कर लिए हैं। तो कई इस कार्य को सुलझाने में लगे हुए है। मैट्रिक की परीक्षा हो या इंटर का शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में आवासन में काफी कठिनाई आती है। इस समय में एक सप्ताह आवासन के लिए परीक्षार्थियों से माह या उससे भी अधिक किराया वसूलने में कोताही करना नहीं चाहते। जिस कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जिला मुख्यालय में एक भी ऐसा पब्लिक प्लेस नहीं है जहा सस्ते में परीक्षार्थी रह सकें। शहर में वैसे भी आवास की समस्या बरकरार है। जिस कारण मकान मालिक काफी अनुनय विनय के बाद सप्ताह भर के लिए मनमाना किराया वसूल रहे हैं। शहर के स्कूलों व कालेजों में भी छात्रावास की सुविधा का अभाव है। जहां जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए परीक्षार्थियों को आवासन में सुविधा हो। वैसे नगर के गंगासागर तालाब के पूर्वी भिंडा पर मिथिला भवन है। जिसमें परीक्षार्थियों के आवासन की व्यवस्था हो सकती है। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।
इस बार नगर में 15 हजार से अधिक परीक्षार्थी आने वाले हैं। वहीं प्रत्येक अनुमंडल में महिला परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित होंगे। जिस कारण परीक्षार्थी से दोगुना लोगों के आने की संभावना है। जिस कारण शहर सहित गांव में अस्तव्यस्तता की स्थिति होगी।
शिक्षाविद डा. देवकांत झा ने कहा कि जिले में कई सार्वजनिक स्थल हैं व छात्रावास भी है। जहां प्रशासन को आवासन की सुविधा के लिए प्रयास करनी चाहिए।
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