मधुबनीः राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीब मरीज के इलाज में विभिन्न अस्पतालों को हुए भुगतान की जांच शुरू किए जाने से हड़कंप मच गया है.
श्रम अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के 23 अस्पतालों को 7671 गरीब मरीज के इलाज में 5 करोड़ 23 लाख 78 हजार 607 रूपए का भुगतान किया गया है. वित्तीय वर्ष 2010-011 से शुरू इस योजना में 31 अगस्त 011 तक इस राशि का भुगतान हुआ है. सबसे अधिक माधुरी हेल्थ केयर को 1002 मरीज के इलाज में 92 लाख 42 हजार 643 रुपये का भुगतान किया गया है. सिटी हॉस्पिटल को 593 मरीज के लिए 35 लाख 59 हजार 932, आस्था हॉस्पिटल को 548 मरीज के लिए 31 लाख 31 हजार 389, बालाजी हॉस्पिटल को452 मरीजों के लिए 13 लाख 62 हजार 704, बर्फ़ी कारक मेमोरियल हेल्थ एंड वेलफ़ेयर फ़ाउंडेशन को 328 मरीजों के लिए 22 लाख 17 हजार 718 रुपये, दिनेश नर्सिग होम को 374 मरीज के लिए 26 लाख 10 हजार 631, गोलू लक्की मेडिकेयर होम को 278 मरीजों के लिए 23 लाख 77 हजार 550 रुपये का भुगतान किया गया है.
डीडीसी ओम प्रकाश राय ने बताया कि हुए सभी भुगतान का क्रॉस चेक किया जा रहा है. गौरतलब है कि मूवमेंट अगेंस्ट करप्शन के मुख्य कार्यकारी रितेश भाष्कर द्वारा आरटीआइ से जुटाई गयी जानकारी में गड़बड़ी का स्पष्ट उल्लेख है. इनके द्वारा इन अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सक एवं इलाज हुए मरीज की रिकार्ड मांगे जाने से खलबली मची है.क्योंकि प्रावधान के मुताबिक सरकारी अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर इन संस्थानों में काम नहीं कर सकते हैं. योजना के कोऑर्डिनेटर जीजे शर्मा ने बताया कि ऐसा हुआ है तो भुगतान की रिकवरी भी हो सकती है.
इन हॉस्पिटल का एग्रीमेंट रद्द भी किया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर फ़र्जी मरीज के नाम पर भुगतान की आशंका है. इसके अलावा मामूली इलाज में भी काफ़ी रुपये निकासी का मामला सामने आने की चर्चा है. सिविल सर्जन डॉ सुधीर सिन्हा ने बताया कि बीमारी के इलाज में हुए खर्च की जांच संभव है. यदि इसमें गड़बड़ी हुई है तो यह सामने आ सकता है
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें