ज़ाहिद अनवर (राजु) / दरभंगा
दरभंगा--अब ज़िला में ठग भी अलग अलग तरह की ठगी करने में जमकर लगा है। चापाकल लगाने के नाम पर 40 हजार ठगी का एक मामला सामने आया है। ठग ने इस कार्य के लिए कनीय अभियंता, प्रधानाचार्य यहां तक कि जिलाधिकारी के नाम का भी उपयोग किया है। इस मामले में लहेरियासराय थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी के अनुसार अपने को कनीय अभियंता बताने वाला व्यक्ति जे.के कॉलेज बिरौल पहुंचता है और वहां के प्रधानाचार्य से मिलकर कहता है कि जिलाधिकारी ने आपके कॉलेज में पांच चापाकल गाड़ने का आदेश दिया है और यहां स्थानीय स्तर पर संवेदक की आवश्कता है। प्रधानाचार्य की पहल पर बलिया गांव के शक्ति कुमार झा से मिलवाते हैं। कथित कनीय अभियंता उसे दरभंगा 50 हजार रूपया लेकर बुलाया। दरभंगा पहुंचने पर फर्जी अभियंता ने उसे बाहर में खड़ा कर स्वंय जिलाधिकारी के आवासीय कार्यालय में जाता है और पुन:वापस आकर उससे 40 हजार रूपये लेकर पुन:जिलाधिकारी के आवास में जाता है और लौट कर आने के बाद उसे आधार कार्ड और फोटो मांगता है। फोटो खिचाने के लिए वह व्यक्ति टावर की ओर जाता है तब तक ठग वहां से भाग जाता है। जिसके बाद शक्ति कुमार ने लहेरियासराय थाना में प्राथमिकी के लिए आवेदन करता है। थानाध्यक्ष पुलिस निरीक्षक राम कुमार शर्मा ने प्राथमिकी की पुष्टि की है। सबसे बड़ी बात है कि जिलाधिकारी किसी एक महाविद्यालय में पांच चापाकल गाड़ने का आदेश दे ही नहीं सकते अगर सरकारी स्तर पर चापाकल गाड़ा जाता है तो पीएचडी विभाग यह कार्य करता है। इसके लिए निविदा नहीं निकाली जाती है।
दरभंगा--अब ज़िला में ठग भी अलग अलग तरह की ठगी करने में जमकर लगा है। चापाकल लगाने के नाम पर 40 हजार ठगी का एक मामला सामने आया है। ठग ने इस कार्य के लिए कनीय अभियंता, प्रधानाचार्य यहां तक कि जिलाधिकारी के नाम का भी उपयोग किया है। इस मामले में लहेरियासराय थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी के अनुसार अपने को कनीय अभियंता बताने वाला व्यक्ति जे.के कॉलेज बिरौल पहुंचता है और वहां के प्रधानाचार्य से मिलकर कहता है कि जिलाधिकारी ने आपके कॉलेज में पांच चापाकल गाड़ने का आदेश दिया है और यहां स्थानीय स्तर पर संवेदक की आवश्कता है। प्रधानाचार्य की पहल पर बलिया गांव के शक्ति कुमार झा से मिलवाते हैं। कथित कनीय अभियंता उसे दरभंगा 50 हजार रूपया लेकर बुलाया। दरभंगा पहुंचने पर फर्जी अभियंता ने उसे बाहर में खड़ा कर स्वंय जिलाधिकारी के आवासीय कार्यालय में जाता है और पुन:वापस आकर उससे 40 हजार रूपये लेकर पुन:जिलाधिकारी के आवास में जाता है और लौट कर आने के बाद उसे आधार कार्ड और फोटो मांगता है। फोटो खिचाने के लिए वह व्यक्ति टावर की ओर जाता है तब तक ठग वहां से भाग जाता है। जिसके बाद शक्ति कुमार ने लहेरियासराय थाना में प्राथमिकी के लिए आवेदन करता है। थानाध्यक्ष पुलिस निरीक्षक राम कुमार शर्मा ने प्राथमिकी की पुष्टि की है। सबसे बड़ी बात है कि जिलाधिकारी किसी एक महाविद्यालय में पांच चापाकल गाड़ने का आदेश दे ही नहीं सकते अगर सरकारी स्तर पर चापाकल गाड़ा जाता है तो पीएचडी विभाग यह कार्य करता है। इसके लिए निविदा नहीं निकाली जाती है।
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