ज़ाहिद अनवर (राजु) / दरभंगा दवारा
NN24 INDIA
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दरभंगा में ज्ञापन देती खातून |
दरभंगा--केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन तलाक बिल के विरोध और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के समर्थन में दरभंगा में महिलाओं का मौन जुलूस मुस्लमानों के सभी मस्लक के उलमा और बुद्धजिवियों के नेतृत्व में निकाला गया। जिसमें शहरी क्षेत्र समेत जिला के 18 ब्लॉकों की एक लाख से अधिक महिलाओं नें भाग लिया। महिलाओं का जुलूस मोहल्ला इस्माइल गंज स्थित मदरसा इमदादिया से निकलकर लगभग 3 किलोमीटर पैदल दूरी तय करते हुए कलक्ट्रेट के धरना स्थल पहुंच कर जनसभा में तब्दील हो गया। जनसभा के बाद तहफ्फुज शरियत कमीटी महिला सेल दरभंगा द्वारा महिलाओं के 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने डी.एम. से मिलकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, केंद्रीय विधि मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता, राज्यपाल बिहार और मुख्य मंत्री के नाम स्मार पत्र सोंपा गया। जिसमें लोकसभा से पास किए गए तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए कहा गया कि 22 अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक को निरस्त कर दिए जाने के बाद इस बिल की कोई जरूरत नहीं रह जाती। इस बिल के प्रावधानों से संविधान
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विरोध में उमड़ी भीड़ |
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रैली में सामिल महिलायें |
का उल्लंघन होता है। इस विधेयक में दीवानी मामले को आपराधिक मामले में परिवर्तित कर दिया गया है। इसलिए हम महिलाअें संविधान के अधिकार और लैंगिक न्याय के विरोधी विधेयक पर अपना कड़ा विरोध जताते हैं और इसे तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं। ज्ञापन में राष्ट्रपति द्वारा संयुक्त संसदीय भाषण में दिए गए बयान की निंदा की गई जिसमें उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किए जाने की बात कही थी। प्रतिनिधिमंडल में डॉक्टर हिना आरजू ,डॉक्टर रेशमा तबस्सुम, डॉक्टर इस्मत जहां, डॉक्टर तलत नाहीद (आलिमा), सरवत फातिमा और आरफा फिरोज शामिल थीं। जनसभा की अध्यक्षता डॉक्टर हिना आरजू ने और संचालन डॉक्टर इस्मत जहां ने की। इस अवसर पर महिलाओं से जुलूस के संयोजक काजी शरीयत मौलाना अरशद रहमानी ने कहा कि आज जिले भर की महिलाओं के लाखों की भीड़ यह साबित करती है कि हमारी महिलाए अपनी शरियत से किस हद तक सहमत हैं। उन्हें संविधान द्वारा जो स्वतंत्रता दी गई है वह उसे हर हाल में बाकी रखना चाहती हैं और मिले अधिकार के तहत शरीयत में किसी हस्तक्षेप को बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हैं। इसलिए सरकार को लोकतांत्रिक तरीके से सिर ही गन्ना है तो वह देख ले कि विधेयक का समर्थन करने वालों के विपरीत इसका विरोध करने वाली महिलाओं की संख्या क्या है? जबकि इस्मत जहां ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने देश से प्यार करते हैं और उसके संविधान का पूरा सम्मान करते हैं। हमारे संविधान ने हमें यह अधिकार दिया है कि हम अपनी शरियत पर पारिवारिक मामलों में स्वतंत्र रूप से पालन करें। लेकिन आज तीन तलाक बिल द्वारा इस अधिकार से वंचित करने की कोशिश की जा रही है। हम आज इस जुलूस से उसका विरोध कर रहे हैं। जब तक बिल वापस नहीं लिया जाता है हम इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करते रहेंगे। वहीं सबोही खातून ने अपने संबोधन में कहा कि हम महिलाअें अपने पतियों से प्रेम करती हैं और हमारे लिए उनकी जो सेवाओं हैं हम इसके लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं। वे अपनी खुशी का त्याग करके और हमारी खुशी और हमारे लिये बाहर जाते हैं। कुछ मरदों की खराबी के कारण हम सभी पुरुषों को दोष नहीं दे सकते। तीन तलाक बिल द्वारा पुरुषों को जेल भेजने की जो साजिश की गई है हम इसकी निंदा और विरोध करते है। जुलूस को मौलाना हुसैन अहमद मदनी, मौलाना आफताब गाजी आदि ने भी संबोधित किया। कलीमुल्लाह रहमानी की दुआ पर जनसभा संपन्न हूआ। बताया जाता है कि जुलूस दिन के 11 बजे मदरसा इमदादिया के निकला और लगभग पौने दो बजे तक मदरसा से लोग निकलते रहे। पोलो मैदान का धरना स्थल पूरी तरह से भर चुका था। इस अवसर पर मौलाना इरफान सल्फी, मौलाना फैजानुर रहमान सुबहानी, मौलाना अब्दुल अल्लाम मिस्बाही, मौलाना नौशाद आलम, इशाइती मौलाना एजाज अहमद, मौलाना नसीम कासमी, एसएम जावेद इकबाल, अधिवक्ता मुम्ताज़ आलम, अब्दुल हादी सिद्दीकी, डॉक्टर कमरुल हसन, अब्दुल मलिक खान, अमानुल्लाह खान, डॉ अहमद नसीम आरजू, शरफे आलम तमन्ना, जाहिद हुसैन, डॉक्टर वकील अहमद मुखिया, डॉक्टर तस्कीन आजमी, नजरे आलम, नवीन सिन्हा, हाफिज जियाउल्लाह, डा. आसिफ शाहनवाज, डा. इनतेखाब आलम, इकबाल हसन रेशू, असरारुल हक लाडले, डॉक्टर शारिक हुसैन, जुबैर आलम, खादिम हुसैन, नुसरत आलम, अब्दुस्सलाम मुन्ना खान, नफीसुल हसन रिंकू, नियाज अहमद, मोहम्मद अनवार गुलाब, रियासत अली, मोहम्मद अब्दुल्लाह, मोहम्मद शफीक उर्फ मुन्ना, नेमतुल्लाह अंसारी, अहमद अली तुमन्ने, जवाहर अंसारी, लड्डन खान, नियाज खान, मकसूद आलम, पप्पू खान, पुट्टू खान, जहांगीर कुरैशी, शौकत अखलाकी, सितारे मुखिया, इंजीनियर इब्राहीम गाजी, शाहनवाज मार्शल, फिरदौस अली, इरफान अहमद पैदल, मनसूर खूशतर, अंबर इमाम हाश्मी, ज़ुबैर आलम, डॉ खोदादाद अब्दुल अली, मौलाना अज़हर क़ासमी, सफदर इमाम, शमशाद रिज़वी, मनौवर जमाल, क़ारी ज़काउल्लाह आदि सहित शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों पुरुष और महिलाएं मौजूद थे। एसएसपी सत्यवीर सिंह के नुतृत्व में एसडीओ डॉक्टर गजेन्द्र प्रसाद सिंह, एएसपी दिलनवाज अहमद सहित विभिन्न थानों की पुलिस, रैफ और महिला पुलिस बड़ी संख्या में मौजूद रहकर सुरक्षा व्यवस्थ को संभाले हुए थे।
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