ज़ाहिद अनवर (राजु) / दरभंगा
नई दिल्ली / दरभंगा--जाने माने वरिष्ठ पत्रकार डॉ समरेन्द्र पाठक ने कहा है कि पृथक मिथिला राज्य के निर्माण से ही मिथिला का विकास संभव है और इसके लिए मिथिलावासियों को एक जुट होकर संघर्ष करना चाहिए। डॉ पाठक यहाँ अखिल भारतीय प्रवासी मिथिला विकास संघठन पं. द्वारा आयोजित एक जन जागरण अभियान के दौरान बोल रहे थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के पूर्व अध्यक्ष विजय झा आजाद ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे मिथिला राज्य की मांग को ले कर आंदोलन की अगुवाई कर रहे प्रो.अमरेंद्र झा सहित कई संगठानो एवं राजनीतिक दलोँ के नेता मौजूद थे। डॉ पाठक ने कहा कि इसके लिए दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम चाहे किसी भी दल से जुड़े हों लेकिन मिथिला के विकास एवं पृथक मिथिला राज्य के मुद्दे पर हमे एक जुट होकर संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलन को कमजोर करने कि कुछ ताकते निरंतर कोशिशे कर रही है ऐसे लोगो से सावधान रहने की जरूरत है। मिथिला की उपेक्षा की चर्चा करते हुए डॉ पाठक ने कहा कि आजादी के 70 वर्षों मे अगर किसी इलाके की उपेक्षा हुई तो उसमे देश मे मिथिला का स्थान पहले नंबर पर है। प्रो. झा ने कहा कि सम्पूर्ण देश मे जिस तरह का माहौल बन रहा है उस से निकट भविष्य में मिथिला राज्य का बनना तय है। नेशनल डेमोक्रेटिक पीपल्स पार्टी के महासचिव बाबू मुन्ना, उर्दू के वरिष्ट पत्रकार मो. कुरैशी, पत्रकार कुमार समद, भाजपा की नेत्री श्रीमती रीता मिश्र एवं श्रीमती रागीनी सिंह, संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष गणेश मिश्र, समाजसेवी रंजीत सिंह, मदन झा सहित अन्य प्रबुद्ध व्यक्तियों ने अपने विचार व्यक्त किये।
नई दिल्ली / दरभंगा--जाने माने वरिष्ठ पत्रकार डॉ समरेन्द्र पाठक ने कहा है कि पृथक मिथिला राज्य के निर्माण से ही मिथिला का विकास संभव है और इसके लिए मिथिलावासियों को एक जुट होकर संघर्ष करना चाहिए। डॉ पाठक यहाँ अखिल भारतीय प्रवासी मिथिला विकास संघठन पं. द्वारा आयोजित एक जन जागरण अभियान के दौरान बोल रहे थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के पूर्व अध्यक्ष विजय झा आजाद ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे मिथिला राज्य की मांग को ले कर आंदोलन की अगुवाई कर रहे प्रो.अमरेंद्र झा सहित कई संगठानो एवं राजनीतिक दलोँ के नेता मौजूद थे। डॉ पाठक ने कहा कि इसके लिए दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम चाहे किसी भी दल से जुड़े हों लेकिन मिथिला के विकास एवं पृथक मिथिला राज्य के मुद्दे पर हमे एक जुट होकर संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलन को कमजोर करने कि कुछ ताकते निरंतर कोशिशे कर रही है ऐसे लोगो से सावधान रहने की जरूरत है। मिथिला की उपेक्षा की चर्चा करते हुए डॉ पाठक ने कहा कि आजादी के 70 वर्षों मे अगर किसी इलाके की उपेक्षा हुई तो उसमे देश मे मिथिला का स्थान पहले नंबर पर है। प्रो. झा ने कहा कि सम्पूर्ण देश मे जिस तरह का माहौल बन रहा है उस से निकट भविष्य में मिथिला राज्य का बनना तय है। नेशनल डेमोक्रेटिक पीपल्स पार्टी के महासचिव बाबू मुन्ना, उर्दू के वरिष्ट पत्रकार मो. कुरैशी, पत्रकार कुमार समद, भाजपा की नेत्री श्रीमती रीता मिश्र एवं श्रीमती रागीनी सिंह, संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष गणेश मिश्र, समाजसेवी रंजीत सिंह, मदन झा सहित अन्य प्रबुद्ध व्यक्तियों ने अपने विचार व्यक्त किये।
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