अयाज़ महमूद रूमी-मधुबनी
जिला पदाधिकारी,मधुबनी के द्वारा सोमवार को पंडौल प्रखंड के सरिसवापाही स्थित सर गंगानाथ झा वाचनालय परिसर में आयोजित हस्तशिल्प कला सहयोग शिविर का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया।
शिविर का शुभारंभ दीप प्रज्वलित करते |
इस अवसर पर सहायक निदेशक,हस्तशिल्प,मधुबनी,श्री मुकेश कुमार,प्रखंड विकास पदाधिकारी,पंडौल श्री महेश्वर पंडित, मुखिया,सरिसवपाही,श्री राम बहादुर चैधरी,श्री अमन कुमार झा समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी,मधुबनी ने कहा कि कला मधुबनी के घर-घर का अविभाज्य अंग है। यहां कला मां द्वारा अपनी बेटी एवं पिता द्वारा अपने बेटों को दी जाती है। माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को कला की बारीकियों को सिखाते है। यहां यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि कला के प्रति कलाकारों में जागरूकता लाने के उदेश्य से यहां हस्तकला सहयोग शविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर के माध्यम से कलाकारों को शिल्पि पहचान पत्र,मुद्रा लोन तथा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की जानकारी दी जायेगी। साथ ही उनसे आवेदन प्राप्त कर उन्हें इन सभी सुविधाओं का लाभ दिलाया जायेगा।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए जिला पदाधिकारी,मधुबनी ने कहा कि शिल्पियों को हस्तशिल्प कला विभाग,भारत सरकार के द्वारा शिल्पि पहचान पत्र उपलब्ध कराया जाता है। जिससे इन्हें कलाकारों को मिलने वाली सभी सुविधाओं का लाभ दिया जा सकें। साथ ही इन्हें मुद्रा लोन का भी लाभ मिल सकें। उन्होंने भौगोलिक संकेतक(जी0आई0) के बारें में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मात्र 600 सौ रूपया देने पर जी0आई0 रजिस्ट्रेशन हो जाता है। जिसके पश्चात संबंधित कलाकार को एक लोगो उपलब्ध कराया जाता है। जिससे कि आपके उत्पाद की पहचान आसानी से हो सकें और उसे उचित दाम मिल सके। उन्होंने कहा कि मधुबनी जिले में सबसे अधिक लगभग 50 हजार निबंधित कलाकार है। जो सिर्फ मधुबनी पेंटिंग के ही नहीं है। वे सिक्की,सुजनी, टेराकोटा,पेपमेसी आदि के भी है। कलाकारों के लिए जिले की पहली उपलब्धि के रूप में मिथिला चित्रकला संस्थान,सौराठ का सौगात हमें माननीय,मुख्यमंत्री,बिहार के द्वारा मिला है। यहां से डिग्री कोर्स एवं सर्टिफिकेशन कोर्स के पश्चात छात्रों को अवश्य काॅरपोरेट संस्थानों में खासकर कला शिक्षक के रूप में अवश्य जाॅब मिलेगा। उन्होंने कहा कि क्राॅफ्ट रिभोलूशन की शुरूआत हो गयी है। अब सभी के सहयोग से इस अभियान को आगे बढ़ाना है।
जिला पदाधिकारी,मधुबनी ने कहा कि अंबेदकर हस्तशिल्प विकास योजना के तहत सरिसवपाही में बेसलाईन सर्वे का कार्य कर लिया गया है। शिल्पियों का ग्रुप बनाया गया है। इन्हें प्रशिक्षण देने हेतु संबंधित विभाग द्वारा बजट मुहैया कराने हेतु पत्र भेजा गया है। बजट उपलब्ध होते ही ग्रुप के कलाकारों को प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए हैंडिक्राॅफ्ट टेक्निकल ट्रेनिंग प्रोग्राम की स्वीकृति मिल गयी है। डी0आर0डी0ए0,मधुबनी को राशि उपलब्ध करा दिया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत बेनीपट्टी,झंझारपुर एवं अरड़िया संग्राम में 20-20 लोगों को बांस,हस्तशिल्प एवं मधुबनी पेंटिंग के संबंध में प्रशिक्षण दिया जायेगा।
हस्तशिल्प कला सहयोग शिविर में 57 शिल्पियों को शिल्पि पहचान पत्र दिया गया साथ ही 17 शिल्पियों द्वारा पहचान पत्र हेतु आवेदना जमा किया गया। मुद्रा लोन हेतु 13 शिल्पियों द्वारा आवेदन जमा किया गया। सहायक निदेशक,हस्तशिल्प श्री मुकेश कुमार द्वारा बताया गया कि अन्य लोगों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ 330 रूपये देने पर मिलता है। जबकि शिल्पियों को मात्र 80 रूपये देने पर इस योजना का लाभ मिल रहा है। शेष राशि भारत सरकार एवं एल0आई0सी0 के द्वारा दिया जाता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी,मधुबनी ने कहा कि कला मधुबनी के घर-घर का अविभाज्य अंग है। यहां कला मां द्वारा अपनी बेटी एवं पिता द्वारा अपने बेटों को दी जाती है। माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को कला की बारीकियों को सिखाते है। यहां यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि कला के प्रति कलाकारों में जागरूकता लाने के उदेश्य से यहां हस्तकला सहयोग शविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर के माध्यम से कलाकारों को शिल्पि पहचान पत्र,मुद्रा लोन तथा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की जानकारी दी जायेगी। साथ ही उनसे आवेदन प्राप्त कर उन्हें इन सभी सुविधाओं का लाभ दिलाया जायेगा।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए जिला पदाधिकारी,मधुबनी ने कहा कि शिल्पियों को हस्तशिल्प कला विभाग,भारत सरकार के द्वारा शिल्पि पहचान पत्र उपलब्ध कराया जाता है। जिससे इन्हें कलाकारों को मिलने वाली सभी सुविधाओं का लाभ दिया जा सकें। साथ ही इन्हें मुद्रा लोन का भी लाभ मिल सकें। उन्होंने भौगोलिक संकेतक(जी0आई0) के बारें में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मात्र 600 सौ रूपया देने पर जी0आई0 रजिस्ट्रेशन हो जाता है। जिसके पश्चात संबंधित कलाकार को एक लोगो उपलब्ध कराया जाता है। जिससे कि आपके उत्पाद की पहचान आसानी से हो सकें और उसे उचित दाम मिल सके। उन्होंने कहा कि मधुबनी जिले में सबसे अधिक लगभग 50 हजार निबंधित कलाकार है। जो सिर्फ मधुबनी पेंटिंग के ही नहीं है। वे सिक्की,सुजनी, टेराकोटा,पेपमेसी आदि के भी है। कलाकारों के लिए जिले की पहली उपलब्धि के रूप में मिथिला चित्रकला संस्थान,सौराठ का सौगात हमें माननीय,मुख्यमंत्री,बिहार के द्वारा मिला है। यहां से डिग्री कोर्स एवं सर्टिफिकेशन कोर्स के पश्चात छात्रों को अवश्य काॅरपोरेट संस्थानों में खासकर कला शिक्षक के रूप में अवश्य जाॅब मिलेगा। उन्होंने कहा कि क्राॅफ्ट रिभोलूशन की शुरूआत हो गयी है। अब सभी के सहयोग से इस अभियान को आगे बढ़ाना है।
जिला पदाधिकारी,मधुबनी ने कहा कि अंबेदकर हस्तशिल्प विकास योजना के तहत सरिसवपाही में बेसलाईन सर्वे का कार्य कर लिया गया है। शिल्पियों का ग्रुप बनाया गया है। इन्हें प्रशिक्षण देने हेतु संबंधित विभाग द्वारा बजट मुहैया कराने हेतु पत्र भेजा गया है। बजट उपलब्ध होते ही ग्रुप के कलाकारों को प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए हैंडिक्राॅफ्ट टेक्निकल ट्रेनिंग प्रोग्राम की स्वीकृति मिल गयी है। डी0आर0डी0ए0,मधुबनी को राशि उपलब्ध करा दिया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत बेनीपट्टी,झंझारपुर एवं अरड़िया संग्राम में 20-20 लोगों को बांस,हस्तशिल्प एवं मधुबनी पेंटिंग के संबंध में प्रशिक्षण दिया जायेगा।
हस्तशिल्प कला सहयोग शिविर में 57 शिल्पियों को शिल्पि पहचान पत्र दिया गया साथ ही 17 शिल्पियों द्वारा पहचान पत्र हेतु आवेदना जमा किया गया। मुद्रा लोन हेतु 13 शिल्पियों द्वारा आवेदन जमा किया गया। सहायक निदेशक,हस्तशिल्प श्री मुकेश कुमार द्वारा बताया गया कि अन्य लोगों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ 330 रूपये देने पर मिलता है। जबकि शिल्पियों को मात्र 80 रूपये देने पर इस योजना का लाभ मिल रहा है। शेष राशि भारत सरकार एवं एल0आई0सी0 के द्वारा दिया जाता है।
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