पूर्व विधायक नैयर आजम(फ़ाइल फोटो) |
राजद के पूर्व विधायक नैयर आजम की पहली पुण्यतिथि
पढ़िये उनकी राजनीतिक जीवन-
अयाज़ महमूद रूमी-मधुबनी
राजद के पूर्व विधायक नैयर
आजम की पहली पुण्यतिथि के मौके पर पंडौल मे श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया
गया। इस अवसर पर विधायक समीर कुमार महासेठ ने स्व. नैयर आजम को याद करते हुए दो
मिनट का मौन व्रत किया। कार्यक्रम में कार्यकर्त्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि
नैयर आजम के बलिदान को हमें नहीं भूलना चाहिए।https://madhubanikhabar.blogspot.com/2020/06/blog-post_21.html
श्री आजम ने सदा ही समाज के कमजोर
वर्ग के लोगों की हक के लिए लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने समाज के सबसे निचले पायदान पर
रहने वाले लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए भी समुचित कदम उठाया था। वही जावेद आलम
राजू ने कहा कि उनका कार्यकाल इस जिले में यादगार रहा था और उनका इस देश के कई बड़े
बड़े नेताओं से बेहतर संबंध था। जिला राजद अध्यक्ष इंद्रभूषण यादव ने कहा कि उन्होंने
अपने कार्यकाल में समाज के गरीब वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए भी कई कदम उठाया
था। वही मुखिया राम कुमार यादव, लाल सिंह, मुन्ना सिंह ने कहा कि हमें किसी भी कीमत पर उनके कार्यों को
आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। वह समाज के लोगों के लिए एक मार्गदर्शक भी थे और
उन्होंने समाज के सभी वर्ग के लोगों के विकास के लिए हर संभव प्रयास किया। वही
श्रद्धांजलि देने वालों मे शादाब आजम, शहवाज़ महमूद मीनू,
अशोक यादव, राजेश खर्गा आदि प्रमुख
है। इसके अलावा स्थानीय युवाओं ने भी उन्हे याद किया वासिफ़ अली, श्मस तबरे,रमन चौधरी,खालिद हुसैन,मो अजमत,विनय कुमार झा,मुखिया रुद्रकान्त झा,निसार अहमद,महबूब आलम,सादिक़ अनवर उस्मानी,डीके चौधरी,बिरेन्द्र यादव,अमान साह,जावेद अहमद,अनवर अली,मरगुब आजम,उमर महमूद जूनियर, मो हीरा, रजी अहमद आदि ने भी उन्हे
याद किया |
राजद के पूर्व विधायक नैयर आजम व लालू प्रसाद यादव(फ़ाइल फोटो) |
विधायक
पंडौल विधानसभा से तीन बार
विधायक रहे राजद के वरिष्ठ नेता नैयर आजम ने रविवार 28 जुलाई 2019 को सुबह पटना
में अंतिम सांस लिया था । उस आमय आजम लम्बे समय से बिमार चल रहे थे । पंडौल
प्रखण्ड के सकरी दरबार टोला निवासी स्व. सुफी कादरी के 66 वर्षीय पुत्र विधायक नैयर आजम
पंडौल विधान सभा से लगातार तीन बार विधायक बने थे । बेहद मृदुभाषी व सादा जीवन
जीने के शौकिन थे पूर्व विधायक । वर्ष 1978 से 2001 तक सकरी मे मुखिया पद पर काबिज बेहद लोकप्रिय थे । https://www.blogger.com/blogger.g?blogID=3470798414073913757#editor/target=post;postID=4635206230311689532;onPublishedMenu=allposts;onClosedMenu=allposts;postNum=3;src=postname
जिसके बाद वे पहली बार वर्ष 1985 में जनता पार्टी के टिकट
पर चुनाव लड़े थे जिसमें बुरी तरह हार गए थे । फिर वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव में वे
जनता दल के प्रत्याशी बन चुनाव लड़े परन्तु बेहद कम अन्तर से चुनाव हार गए । चुनाव
हारने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी वे लगातार क्षेत्र में दबे कुचले
गरीबों के लिए संघर्ष करते रहे । इसका फल उन्हें वर्ष 1995 के विधानसभा चुनाव में
मिला जब वे पहली बार विधायक बन पटना विधानसभा पहुंचे । फिर उसके बाद उन्होंने पिछे
मुड़कर नही देखा । वर्ष 2000 एवं 2005में चुनाव जीत अपनी हैट्रीक बनाई थी । परन्तु पंडौल
विधानसभा का विलय मधुबनी विधानसभा में हो जाने के कारण उन्हें इसके बाद हार का
सामना करना पड़ा । वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में वे समाजवादी पार्टी के
उम्मीदवार बन चुनाव लड़े जिसमें बुड़ी तरह पराजय का सामना करना पड़ा था । इसके बाद से
वे सक्रीय राजनिति से दुर हो गए थे । लगातार बिमार रहने शरीर अस्वस्थ रहने के कारण
ने अक्सर पटना में ही रहते थे ।
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