बालश्रम कानून को ठेंगा
मधवापुर : प्रखंड क्षेत्र के बाजारों में बालश्रम उन्मूलन रूकने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार द्वारा बच्चे को बाल श्रम से मुक्ति दिलाने के लिए अनेक तरह की योजना चलायी जा रही है जो कागजी बनकर रह गया है.
मधवापुर एवं साहरघाट के होटलों,चाय,पान की दुकानों आदि जगहों पर छोटे-छोटे बच्चें काम कर रहे है. बच्चे लेंथ मशीनों जैसे खतरनाक जगहों पर भी पेट के चलते काम करते है. होटल, चाय, दुकानों के मालिक कम पैसे देकर बच्चों को कार्य करवाते है. वे बच्चे दिन भर होटलों में काम करते है. शिक्षा से वंचित बच्चे अपने जीवन को होटल के गिलास और प्लेट धोने में लगा दिया है. घोषणा है कि कोई भी बच्चे विद्यालय से बाहर न रहे. ऐसे बच्चे स्कूल में अनामांकित ही है, जो चाय दुकान, होटलों में काम करते मिलते है.
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