मां-बाप की सेवा अहम
रमजान में सेवा करने की नसीहत
मधुबनी/बसैठ : पाक रमजान में मां-बाप की सेवा को काफ़ी अहम माना जाता है. इसकी झलक हर जगह देखने को मिल जाती है.
मधुबनी/बसैठ : पाक रमजान में मां-बाप की सेवा को काफ़ी अहम माना जाता है. इसकी झलक हर जगह देखने को मिल जाती है.
मजदूर वर्ग हो या फ़िर नौकरी पेशा. हर किसी की नजर में रमजान महीने में इनकी सेवा प्राप्त नेमते सालों भर राह दिखाता है. अवर निरीक्षक नूसरत जहां बताती है कि यह मौका दुबारा नहीं मिलता है. उन्होंने कहा कि दसवें पारा के सुर ए बरात में अल्लाह ने अपने बंदों के हुक्म दिया है कि तुम अपने बालदेन(मां-बाप) की खूब फ़र्माबदारीफ़(सेवा) करो. जब वह डांटे फ़टकारे तो तुम उफ़ तक ना कहो.
अल्लाह ने हम सभी मानव को हुक्म दिया है कि मां बाप के पास उसी तरह बैठना चाहिए. जिस तरह एक कुत्ता अपने मालिक के समीप बैठता है. इमाम साहेब ने बताया कि एक हदीश इसी के रोशनी से आया है कि एक आदमी मोहम्मद सलअम के पास जाकर हज करने की इजाजत मांगी तो हुक्म हुआ कि जाओ बुढ़ी मां की खिदमत करो. इससे यह पता चलता है कि मां बाप का दर्जा बहुत बुलंद है.
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