मधुबनी, स्थानीय पुलिस की मदद से पुलिस व पटना आइबी द्वारा पकड़े गए संदिग्ध युवकों में से एक गुएल अहमद जमाली के पिता डॉ. नसरुद्दीन जमाल ने कहा है कि उनका बेटा पूरी तरह निर्दोष है। नसरुद्दीन पेशे से होमियोपैथ चिकित्सक हैं।
उन्होंने कहा कि उनका बेटा दरभंगा के लहेरियासराय स्थित अहमदिया सलफिया मदरसे में फाजिल की पढ़ाई करता था। उसके अलावा मजहबी तकरीर करता था। वह पैसे-पैसे के लिए मोहताज था। अगर गलत काम करता तो उसे पैसे की दिक्कत नहीं होती। तकरीर के दौरान बाहर जाने के कारण उसकी बहुत से लोगों से पहचान हो गयी थी। डा. जमाल ने कहा कि उसने बच्चों को शिक्षा दी। करीब सात माह पूर्व दरभंगा जाने के क्रम में बस में उसका बैग चोरी हो गया। उसमें पैनकार्ड और मोबाइल थे। उन्होंने कहा कि एक दिन मेरा बेटा जरूर बाइज्जत बरी होगा।
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राजस्थान के टोंक का
रहने वाला है अजमल
गिरफ्तार अजमल ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच के पदाधिकारियों को जो बयान दिया है उसके मुताबिक वह राजस्थान के टोंक का रहने वाला है। यहां सिंहानिया चौक के पास एक किराये के मकान में रहता था। फेरी का काम करता था। उसने यह भी बताया कि उसका ससुराल दरभंगा जिले के केवटी थाने के समैला गांव में है। उधर, सूत्रों की मानें तो स्पेशल ब्रांच ने उसके बयान पर संदेह जताया है।
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पुलिस छावनी में तब्दील
हो गया नगर थाना परिसर
दो संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी को लेकर शुक्रवार को दिनभर पुलिस महकमे में गहमगहमी बनी रही। नगर थाना परिसर तो पूरी तरह पुलिस की छावनी में ही तब्दील हो गया था। दरभंगा प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक आरके मिश्रा, डीआइजी सुधांशु कुमार और एसपी सौरभ कुमार स्वयं कमान संभाले हुए थे। सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध थे। मुख्यालय डीएसपी एस खालीफा, बेनीपट्टी डीएसपी राजेश सिंह प्रभाकर, रहिका, सकरी, पंडौल, राजनगर, बाबूबरही और कलुआही आदि थाना क्षेत्रों के थानाध्यक्ष भी पुलिस बल के साथ मुस्तैद दिखे। संदिग्धों से पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस स्पेशल ब्रांच के एक दर्जन पदाधिकारी आए हुए थे। पर, कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था।
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जमाली को लाने में पुलिस
को करनी पड़ी मशक्कत
सकरी के पछ्वारी टोला मोहल्ले से गिरफ्तार गुएल अहमद जमाली को लाने में पुलिस को लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। काफी मशक्कत के बाद पुलिस उसे कड़ी सुरक्षा के बीच ला पायी। वहीं, कोर्ट परिसर में गिरफ्तार जमाली व अजमल को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों सीजेएम की अदालत में पेश किए गए। अदालत के दोनों दरवाजे बंद कर न्यायिक प्रक्रिया पूरी की गयी।
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