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मधुबनी : मधुबनी : बिहार के मधुबनी जिले में बीते दो दिन की हिंसा के बाद स्थिति आज शांतिपूर्ण है और हिंसा प्रभावित इलाकों में पुलिस गश्त की जा रही है.
पुलिस अधीक्षक रंजीत कुमार मिश्र ने बताया कि जिले में स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण है और हिंसा प्रभावित इलाकों में पुलिस गश्त कर रही है. कहीं से भी किसी प्रकार की हिंसक वारदात की कोई खबर नहीं है. पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत की जानकारी मिलने के बाद केवल जयनगर इलाके में विरोध में कुछ लोगों ने सडक जाम की.
उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर जयनगर और मधुबनी शहर में निषेधाज्ञा आज भी लागू रहेगी. सुरक्षाबलों द्वारा फ्लैगमार्च करने की कोई दरकार नहीं है. कानून और व्यवस्था पर नजर रखने के लिए पुलिस की गश्त तेज कर दी गयी है.
मिश्र ने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए वह और जिलाधिकारी लोकेश कुमार सिंह जिले के विभिन्न स्थानों का दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं.
पुलिस उपाधीक्षक सुधीर कुमार ने बताया कि जयनगर में उपद्रव के दौरान घायल रवींद्र कुमार यादव (32) की कल देर रात इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गयी. इसके विरोध में स्थानीय लोग ने जयनगर में प्रदर्शन और सडक जाम किया.
उन्होंने बताया कि जयनगर पुलिस थाना में इलाके के वरिष्ठ लोगों, बुद्धिजीवियों, राजनीतिक दलों और छात्रों के साथ शांति समिति की एक बैठक की. इसके बाद शांति मार्च निकाला गया.
पुलिस उपाधीक्षक ने कहा कि शांति समिति के प्रतिनिधियों ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की है. लोगों से अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान नहीं देने का अनुरोध किया है.
शुक्रवार को जिला मुख्यालय आंदोलनकारियों का निशाना बना था तो शनिवार को प्रखंड मुख्यालयों में आगजनी व तोड़फोड़ हुई. प्रखंड कार्यालय, थाना, स्वास्थ्य केंद्र व रेलवे स्टेशन को निशाना बनाया गया.
इस दौरान कहीं भी कानून-व्यवस्था नाम की चीज नहीं दिखी. गुस्साये लोगों ने जगह-जगह टायर जला कर विरोध जताया. पूरे जिले में दुकानें व व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. स्कूलों को पहले ही बंद कर दिया गया था. डरे सहमे लोग घरों में दुबके रहे. सबसे खराब स्थिति जयनगर, खजौली, कलुआही, बासोपट्टी व झंझारपुर की रही. आंदोलनकारी शुक्रवार को मधुबनी जिला मुख्यालय पर हुई पुलिस फायरिंग के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे.
सुबह सात बजे बासोपट्टी बाजार में जुलूस निकला. जुलूस की शक्ल में ही सैकड़ों छात्र थाने पुहंचे. थाने पर लगभग एक घंटे तक पथराव व तोड़फोड़ किया गया. इस दौरान वहां बीडीओ बैजनाथ व सीओ अश्विनी कुमार थे. छात्रों के आक्रोश को देखते हुए दोनों अधिकारी मौके से चले गये.
पथराव के बाद गुस्साये छात्रों ने थाने को फूंक दिया. इसके बाद छात्रों ने पूरे बाजार को बंद कराया. छात्रों का जत्था प्रखंड कार्यालय पर पहुंचा. यहां भी पथराव व तोड़फोड़ किया गया. कार्यालयों से फर्नीचर निकाल कर फूंक दिया गया. इसके बाद प्रखंड व अंचल कार्यालय में आग लगा दी गयी.
छात्र लगभग दोपहर बारह बजे तक हंगामा करते रहे, लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. हालांकि मधुबनी मुख्यालय से कहा गया था, फोर्स बासोपट्टी जा रही है, लेकिन शाम पांच बजे तक वहां फोर्स नहीं पहुंची थी.
जयनगर में गुस्साये लोगों ने रेलवे स्टेशन व एसडीओ ऑफिस को निशाना बनाया. सैकड़ों की संख्या में छात्र पहले जयनगर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे. वहां तोड़फोड़ व पत्थरबाजी की. इसके बाद छात्रों का हुजूम एसडीओ कार्यालय की ओर गया.
आक्रोशित छात्रों ने एसडीओ कार्यालय में भी तोड़फोड़ व रोड़ेबाजी की. छात्रों को काबू में करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. इसमें तीन लोग घायल हो गये. तीनों को इलाज के लिए डीएमसीएच भेजा गया है. घायलों में रवींद्र यादव (40), मोहम्मद समशाद (35) व मोहन कामत (38) शामिल हैं.
खजौली में भी छात्रों का आक्रोश देखने को मिला. सुबह छात्रों ने टायर जला कर मुख्य चौक पर विरोध जताया. इसके बाद प्रखंड कार्यालय में तोड़फोड़ की. यहां से छात्रों का जत्था रेलवे स्टेशन व अस्पताल गया, लेकिन वहां तोड़फोड़ नहीं की गयी.
इस दौरान छात्र हल्ला व हंगामा कर रहे थे. इसके बाद छात्रों को हुजूम थाने पहुंचा, जहां तोड़फोड़ के साथ थाने को आग के हवाले कर दिया गया. पूरे थाने को फूंक दिया गया. यहां छात्रों का जत्था लगभग आधा घंटे तक रहा, जब पूरा थाना धूं-धूं कर जलने लगा, तो छात्र प्रखंड कार्यालय की ओर चले गये. इस दौरान थाने में मौजूद जवान पास के क्वार्टर में छुप गये. कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था.
प्रखंड कार्यालय पहुंचे छात्रों ने आगजनी शुरू कर दी. बीडीओ व सीओ के कार्यालय को फूंक दिया गया. इस दौरान बीडीओ अपने कक्ष में थे. उन्हें किसी तरह कर्मचारियों ने बाहर निकाला. इसके बाद प्रखंड कार्यालय के हर कमरे को तोड़ा गया और उसमें आग लगायी गयी.
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