पंडौल
सड़क दुर्घटना में दो महिलाओं की मौत,तीन घायल
सहरसा सुपोल से अपने संबंधी को मिट्टी में सपुरदे खाक कर लोट रही बेबी नाज और
नाजिया को क्या पता था के ये उनकी भी अंतिम यात्रा हो जाएगी | घर के लोग पहले ही
एक गम में डूबे थे की अचानक दो और मौत से घर के लोगों के इलावा पूरा गावों में
मातम और सन्नाटा पसर गया | जानकारी के अनुशार मो0उसमान समस्त परिवार इलाहबाद उत्तर प्रदेश में रहते है जंहा
मूर्तक महिला बेबी नाज सरकारी स्कूल में शिक्षिका थी, दो दिन पूर्व अपने बड़ी गोतनी
के मौत की ख़बर के बाद उनके यहाँ सुपोल आई थी,मिट्टी और फातिहा के बार पुन: इलाहबाद के
लिए अपने भाड़े के वाहन जेइलो UP70CH 9129 से निकले थे की रात नो बजे के करीब
एनएच-57 पर सकरी में डॉ० प्रिय रंजन के नर्शिंग होम के पास पूर्व से ख़राब खड़ी बांस
से लदे ट्रक BR-01G 5112 से पीछे से टकरा गयी | जिसके कारण जेलों गाड़ी ट्रक के
पीछे घुस गयी | घटना के बाद गाड़ी में एक ही परिवार के आठ लोगों में से दो महिला जो
पीछे बैठी थी की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी | मरने वालों में बेबी नाज 50 वर्ष,और
नाजिया 32 वर्ष सामिल है | वहिं एक महिला समेत तीन लोग घायल हो गये | घायलों में फरहा
नाज 25,सहुद आलम 24,और जेलों के ड्राइवर महिंदर कुमार 32 है | घटना के बाद मुर्तक
बेबी नाज के पति मो० उसमान ने बताया की बेबी नाज सरकारी स्कूल में शिक्षिका पद पर
नियुक्त थी जो कुछ दिनों की छुट्टी पर सहरसा आई थी, वहीँ नाजिया गृहणी है जो कुछ
साल पूर्व ही शादी के बंधन में बंधी थी जिसे कोई संतान नहीं थी | जिनके पति का रो
रो कर बुडा हाल है | बेबी नाज को दो लड़की और एक लड़का है जो इलाहबाद में ही है |
पति मो० उसमान खुद सेवा मुक्त सरकारी कर्मी है जो घटना से समय गाड़ी में ही थे और
अब अपने परिवार को होसले और सब्र देते फिर रहे है | उस्मान कहते है खुदा को जो
मंज़ूर था वो हुआ भाभी के इन्तेकाल में सरिक होने आया था इलाहबाद से रविवार को
मिट्टी और फातिहा कुरानखानी के बाद घर वापसी कर रहा था,मगर किसे पता था की एक गम
से उबर भी नहीं पाएंगे की खुदा दूसरी बड़ी घटना हो जाएगी | आखों से झलकते आसूं
परिवार के हर सदस्य के दिल का दर्द बाया कर रहा था | घायलों को घटना में हुए मौत की
जानकारी नहीं दि गयी थी | घटना के बाद पुलिस ने दोनों वाहन को जप्त कर लिया है
जबकि ट्रक ड्राइवर फरार बताया जाता है,पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों
को सोंप दिया है जिसे परिजन अपने घर इलाहबाद ले जाने के लिए तेयारी में लगे है |
सुपोल से आये परिजन एक दुसरे को हिम्मत और होसला दे रहे है |
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