#_बेवक़्त, #_बेवजह, #_बेहिसाब मुस्कुरा देते है.... अपने आधे दुश्मनो को तो यूँ ही हरा देते है #_लालू_जी....
#वो शख़्स जिसने रेल मंत्री रहते पटरियों के रास्ते देश का स्टेशन-स्टेशन और कोना-कोना माप दिया था कल उन्हें अस्वस्थता के चलते राँची से दिल्ली जाने के क्रम में झारखंड की भाजपाई सरकार ने जहाज़ से जाने की अनुमति नहीं दी।


यह हैरतगंज है कि उनके पाँच साल के कार्यकाल में रेलवे ने कभी भी किराया नहीं बढ़ाया। बल्कि ऊपर से रेलवे को 90 हज़ार करोड़ का मुनाफ़ा कमा कर दिया।
बहरहाल जिसके पास ग़रीबों की दुआ है उसको अमीरों की आह क्या लगेगी?
रात्रि के 12 बजने वाले थे , राजधानी एक्सप्रेस गया जंक्शन की ओर बढ रही थी , जिन जिन को पता चल रहा था , की लालू जी , आ रहे है , वो अपना काम छोडकर गया , जंक्शन की ओर बढ रहे थे , मात्र 3 मिनट के लिए , सिर्फ दीदार करने के लिए हजारो हजार की संख्या मे लोग गया जंक्शन भर गया , किसी के हाथ में मिठाई तो , किसी के हाथ में भुजा, तो किसी के हाथ मे सत्तू , कोई चूरा तो कोई सनपापरी देने के लिए आतूर है .....इसी का नाम तो लालू है ...फिर जैसे ही गेट पर आते है , ...युवाओ के आखो मे आसू आ जा रहा था....फिर भी पूरा गया स्टेशन डोलने लगता है ....जेल का फाटक टूटेगा , शेर हमारा छूटेगा ...., जब तक सूरज चाद रहेगा लालू तेरा नाम रहेगा , लालू यादव जिदाबाद के नारो से गया स्टेशन गुजायेमान हो जाता है , लालू जी सफेद टिसट्र पहने हुये,गमछे लपेटे हुये , लोगो को दोनो हाथ जोडकर अभिवादन करते रहे, फिर अंदर जाते है ....जब तक गया स्टेशन से ट्रेन खुल नही जाती , लोग जिदाबाद के नारे लगाते रहते है ......ये ही लालू जी की असली कमाई जिससे कुछ लोगो को जलन होती है , .....लालू जैसा गुदडी और गरीबो का मसीहा इस धरती पर फिर कभी जन्म लेगा ......
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