ज़ाहिद अनवर (राजु) / दरभंगा-सहयोग रूमी सकरी------------------------------------------------------------------------
दरभंगा--विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं विश्वविद्यालय संगीत एवं नाट्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में व्याख्यानमाला का आज आयोजन किया गया। जिसमें समाज में शिक्षा के क्षेत्र में लैंगिक समानता विषय पर विभिन्न व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कुलसचिव डॉ.मुस्तफा कमाल अंसारी ने कहा कि वर्तमान समय में महिलाएं निरन्तर आगे बढ़ने में प्रक्रियाशील हैं। हर पत्थर हीरा बन सकता है, शर्त ये है कि करीने से तराशा जाए। उन्होंने कहा कि अब वो जमाना नहीं है कि महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल सकतीं। आज जमाना बदल चुका है। आज महिलाएं पीछे नहीं हैं। वहीं डॉ.गोपी रमण प्रसाद सिंह ने कहा कि शिक्षा में लिंग समानता समय की मांग है। इसमें मूल्यपरक प्रक्रियाएं जरूरी हैं। आज लिंग समानता में दृष्टि (वीजन) का सर्वथा अभाव है। समानता के लिए दृष्टि, अनुराग, एकाउन्टैबिलिटी, प्रतिबद्धता आदि की आवश्यकता है। इसका प्रचार-प्रसार भी आवश्यक है। डॉ. पुनीता झा ने कहा कि समाज में महिलाओं और पुरुषों के बीच असमान व्यवहार किया जाता है जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। अनेक उदाहरणों के साथ उन्होंने महिलाओं को आज आगे बढ़कर कार्य करने हेतु प्रेरित किया। अध्यक्षता प्रो.अरूणिमा सिन्हा, विभागाध्यक्ष, विश्वविद्यालय अंग्रेजी विभाग ने किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. पुष्पम नारायण ने अतिथियों का स्वागत और विभागाध्यक्ष डॉ. लावण्य कीर्ति सिंह काव्या ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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