मदरसा इस्लाम का आईना
होता है | जहा से बच्चों को इस्लाम की सही जानकारी मिलती है, जहा से पढ़े लिखे
मौलवी आलिम समाज में फैले बुराईयों का अंत करते है | हमारी सोच और धर्म की सही
जानकारी बताने का संस्था होती है मदरसा | मदरसा हमारे धर्मिक ग्रन्थों से रु ब रु
कराते है ताकि हम अल्लाह के बताये रास्तों पर चले और अपनी जिन्दगी संवारें | मगर
तब यह मदरसा बदनाम होता है जब इसमे पढ़ाने वाले शिक्षक संस्था जिम्मेदार लोग
गलत फायदा उठाने लगते है | सकरी मदरसा कुदरतीया मदरसा उनमे से एक है जो इन दिनों
चार लोगों की कारगुजारी के कारन चर्चा में है | सकरी चौक से महज दो सौ मीटर पूर्व
उत्तर में स्थित मदरसा कुदरतीया है | जहाँ मदरसा मो सही देख रेख के लिए एक कमिटी
का गठन मदरसा बोर्ड के आदेश व नियम अनुसार होता है | मदरसा के लिए बनी कमिटी में
सचिव पद पर सकरी पश्चिमी पंचायत के मुखिया अली अहमद उर्फ़ मुन्ना को चुना गया | वही
अध्यक्ष पद पर मो गयासुद्दीन को चुना गया जिसमे दो मदरसा नौकरी कर रहेटीचर व हेड
मास्टर व पांच सदस्य चुने गए | मदरसे में चार पदों पर शिक्षकों की बहाली होनी थी
जिस पर कागजों में हेरफेर व गुपचुप तरीकों से सिक्रेटरी अली अहमद ने अपने भाई की
बहु की बहाली करा लिया | जबकि अध्यक्ष मो गयासुद्दीन ने अपने साला की बहाली करा ली
जिसके बाद हेड मास्टर मौलाना जावेद हसन ने अपने दामाद व मदरसा के मौलवी आबिद
रहमानी ने अपने बेटे की बहाली करा कर चारों पदों की बहाली का बंदरबांट कर लिया |
सूत्रों की माने तो उक्त बहाली पूरी तरह संयंत्र रच कर की गई जिसकी भनक पांच
सदस्यों को भी नहीं होने दिया गया | बहाली में वसूले गए अवैध रकम को लेकर हुए
विवाद के कारण 18 फरवरी को स्वयं मदरसा के सिक्रेटरी अली अहमद मुन्ना ने ग्रामीणों
की एक बैठक बुलाई जिसमे उन्होंने बताया की हेड मास्टर व मौलवी ने उनके फर्जी
हस्ताक्षर से चार लोगों की अवैध बहाली करा ली है | जब इस बात का विरोध पांचों
सदस्यों व ग्रामीणों ने किया तो उन्होंने चारों बहाली को रद्द कराने का वादा कर
लिया | मगर तीन माह तक सभी को झूठ बोल कर टाल मटोल करते रहे | फिर अचानक 30 जून 18 को उक्त चारो
अवैध बहाल लोगों को मदरसा में पढ़ाने भेज दिया गया | जब इसकी सूचना मदरसा कमिटी को
लगीं तो उन्होंने ग्रामीणों के साथ एक बैठक मदरसा में 1 जुलाई 18 को बुलाई जिसमे न
चारों अवैध शिक्षक आये न ही आरोपी सचिव व अध्यक्ष |इस दौरान जब मदरसा में हाजरी
पंजी की जाँच कमिटी के सदस्यों ने किया तो पंची में देखा गया की शिक्षकों की
उपस्थिति पिछले कई माह का एक ही पेन से बना कर कोरम पूरा किया गया था | जिसके बाद
स्थानीय ग्रामीणों के साथ मदरसा के सभी सदस्य डीएम से मिलाने मधुबनी गए | जहा
उन्होंने पूरी जानकारी व सबूत दिखाए जिसके आधार पर डीएम ने तीन सदसीय टीम गठित कर
जाँच कर सख्त कार्यवाई का भरोसा दिया |
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