पंडौल।अयाज़ महमूद रुमी
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना राशि की लूट की छूट इस प्रकार है कि मजदूरों के मजदूरी पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है। सरकार ने बेरोजगारी दूर करने एवं पलायन रोकने के लिए मनरेगा योजना चला रखी है। लेकिन मनरेगा पदाधिकारी व कर्मचारी सरकार के आदेश को ताक पर रखते हुए मनरेगा योजना कार्य में मजदूरों के स्थान पर जेसीबी व ट्रेक्टरों से मिट्टी ढुलाई कर सड़क निर्माण व मिट्टी भराई का कार्य करा रहे हैं। हद तो ये है की पंडौल मुख्यालय प्रांगण मे ही नियमो की धज्जियां खुलेआम उड़ाई जा रही है। जहां बीडीओ व मनरेगा पदाधिकारी का कार्यालय है ठीक उसके पीछे मिट्टी का कार्य ट्रेक्टर से कराया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक 28 लाख की लागत मनरेगा योजना से काम शुरू हुआ। योजना जी पूरी राशि भी निकाल ली गयी मगर काम पूरा नही हुआ। जिसके बाद उक्त अधूरे भवन निर्माण को पुनः शुरू किया गया है। मगर किस योजना से तथा कौन से संवेदक के द्वारा कार्य किया जा रहा है इसकी सूचना किसी के पास नहीं है। जबकि निर्माण कार्य मे फर्श निर्माण तथा दीवारों मे घटिया ईंट का उपयोग किया जा रहा है। वही पंडौल प्रखंड दहीवत माधोपुर पूर्वी,पश्चिमी संकथु मोकर्रपुर सकरी पश्चिमी मे ट्रेक्टर से काम कराया गया। आश्चर्य ये है की मनरेगा मजदूर के रूप मे काम करने वाले लोग के नाम पर वर्क पूरा करने का खानापूर्ति भी अधिकारियों के मिलीभगत से जारी है। नतीजा मिट्टी भराई कार्य ट्रैक्टर से किए जाते है। जिसके कारण मजदूरों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है।
इस संदर्भ में पीओ सुमन कुमार ने कहा उक्त भवन किस योजना से बन रहा है इसकी खबर मुझे नहीं है। किसी ने बताया है की वह प्रमुख के किसी योजना से कार्य किया जा रहा है। जहां भी जेसीबी लगाकर ट्रैक्टर से मिट्टी भराई कार्य चल रहा है कार्यस्थल का जांच कर कार्यवाही की जायेगी। जिसके लिए कार्यस्थल निरीक्षण के लिए जेई को भेजा गया है।
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