https://madhubanikhabar.blogspot.com/google4b43c0dd134b34c0.html लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा | Madhubani news+

लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा

अयाज़ महमुद रूमी

लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का विधान एैसा है की लोग इस पूजा के लिए छोटी बड़ी सामग्रीयों को महिना भर पूर्व से ही जुटाने में लग जाते हैं । उन्हीं सामग्रीयों में से मुख्य है बांस की बनी टोकरी,कोनिया,सूप व डाली । 
जिसे बनाने का काम करते आ रहे हैं महादलित समुदाय का एक विशेष वर्ग जिसे समाज कभी अछुता मानती थी । समाज के कुछ लोग उन्हें अपने साथ उठने बैठने नहीं देते थे , पर विडंबना ऐसी की बिना उनके बनाये सामानों से कई पूजा पूर्ण ही नहीं माना जाती। अर्थात उनके बनाये सामान हमारे समाज के लिए आवश्यकता है परन्तु उन्हें बनावे वाले आज भी उपेक्षाओं ,गुमनामी व अभावग्रस्त जिवन जीने को मजबुर हैं । टोकरी बुनते-बुनते बालचंद मल्लीक,ललित मल्लीक,दिलचन्द मल्लीक  ने बताया की उसका पुरा परिवार यही काम करता है । त्यौहारों के समय आते ही वह लोगों से गॉव- गॉव घुम कर बांस खरीद कर लाता है ,फिर पूरा परिवार मिल कर उस बांस को काटता बनाता है, एवं आवश्यकता के अनुरूप उसके मोटे-पतले काठीयॉ बनाता है फिर उससे टोकरी, सूप,कोनिया,डगरी,डाला,फुलडाली आदी बनाता है । जिन्हें विभिन्न रंगो से रंग कर गाँव-गाँव जाकर बेचने का काम करते हैं । पूरे साल इन सामानों का बाजार नहीं रहने के कारण इस समुदाय के लोगों को परिवार का खर्चा चला पाना कठिन हो जाता है । इस लिए अब इस समुदाय के लोग काम की तलाश में पलायन कर रहे हैं । फलस्वरूप बढ़ती महंगाई का असर बांस के इन सामानों पर भी पड़ा है जिसका नतिजा यह रहा की इस बार छठ में टोकरी 100-200 रूपये,कोनिया 50-125 रूपये ,सूप 100-175 रूपये तक बिके हैं । इस वर्ग के लोगों को संविधान में आरक्षण प्राप्त है परन्तु जागरूकता की कमी,अशिक्षा,नशा का आदी होना व समाजिक उपेक्षा एवं बाजार की समुचीत व्यवस्था ना होना भी प्रमुख रही है ।

SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Disqus Shortname

msora

Comments system

[disqus]