अयाज़ महमूद रूमी
क्षेत्र के सकरी बाज़ार में साह अब्दुल रहमान साहब का दो
दिवसीय उर्श मंगलवार से शुरू हो रहा है | पंडौल के
सकरी बाज़ार स्थित साह अब्दुल रहमान का एकसठवां वार्षिक उर्श मुबारक पर देश के अलग अलग हिस्से
से कई आलमे ऐ-दिन पहुंचकर इस्लाम के कई पहलुओ को बतायेंगे| साह
अब्दुल रहमान साहब के मजार पर पहुंचेंगे हजारो जायरीन | बताया जाता है की यहाँ
आये जायरीनों की मनोकामना पूरी होती रही है | जिस कारण पिछले
साठ वर्षों में यहाँ आने वाले जायरीनो का संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है |
इस मौके पर कमिटी के सदस्यों ने कहा की कोई मज़हब नहीं सिखाता आपस
में बैर रखना | इस्लाम में बताया गया है की अपने दुश्मनों को
माफ़ करना ही असली इस्लाम है | प्यारे नबी मुहम्मद साहब तो
अपने ऊपर गन्दा फैकने वालों से भी मुहब्बत किया था | इस्लाम
की अच्छी मिसाल यही है की हम सभी अल्लाह पर यकीन करते है | आज
के वक़्त में मुस्लिम देशों में इस्लाम के नाम पर मार काट मचा रखा गया है वो हराम
है | इसी लिए कहा जाता है सरे जंहा से अच्छा हिन्दोस्ता
हमारा,हम बुले बुले है इसके ये गुलिस्ता हमारा | जलसा ऐ उर्श के मौके पर मंगलवार को ही सुबह 11 बजे कुरानखानी दिन के व शाम
आठ बजे मजार पर चादरपोशी | कमिटी में शावाज़ महमूद मीनू, मो
हस्सान, मो नासिर, जावेद आलम राजू, मो गुड्डू, आलम साह, आफ़ताब आलम, मो ईसा समेत
दर्जनों लोग उपस्थित थे |
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