पंडौल।अयाज़ महमूद रुमी, 9708137399
सरकार की आमद मरहबा के गगन भेदी नारे के साथ मनाया गया ईद मिलादुन्नबी। इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगम्बर मोहम्म्द साहब की जयंती पर रविवार को जुलूस निकाला गया।
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प्रखंड मुख्यालय समेत पंडौल, सकरी तथा विभिन्न जगहों पर जुलूस निकाला गया। साथ ही विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर उनकी जीवनी पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया। पंडौल सकरी में बड़ी संख्या में लोग जुलूस में शामिल हुए तथा मोहम्मद साहब को याद किये।
जुलूस में शामिल लोगों ने पूरे गांव से गावं का भ्रमण किया। जबकि एक नयी सोच कमेटी की ओर से फातिहा कराया गया। जुलूस मे मदरसा अशरफिया, रफीकुल अलूम, मदरसा अजीजिया मोकर्रमपुर, ठकरुनिया, सोरीपट्टी, सीमा, तारसराय, बलहा, सरिसब से निकल कर एनएच 57 पर पहुंचा जहां से एक साथ पंडौल बाजार होते हुए सकरी स्थित साह अब्दुल रहमान साहब के मजार पर पहुंचा। जंहा एक विशेष सभा का आयोजन किया गया था। सभा को संबोधित करते हुए मुफती बेलाल साहब ने कहा कि आज बेहद खुशी का दिन है। आज ही के दिन हमलोगों के पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब की पैदाईश सन 571 ईसवी को मक्का सउदी अरब में हुआ था। उस वक्त अरब की हालत बहुत ही खराब थी। लोग छोटी-छोटी बातों पर लड़ते झगड़ते थे। मां-बहनों के साथ बुरा बर्ताव किया जाता था। बच्चियों को जिंदा ही दफन कर दिया जाता था। बच्ची का बाप होना गुनाह समझा जाता था। हमारे नवी ने लोगों को समझाया तो हालात बदलने लगे। पैगम्बर साहब ने कहा कि एक अल्लाह को मानो वह तुम्हे देख रहा है। मौके पर मौलनाओं ने कहा कि गलत काम करोगे तो सजा पाओगे सही काम करोगे तो जन्नत में जगह मिलेगी। मोहम्मद साहब ने समझाया कि आपस में कभी झगड़ा नहीं करना। आपस में मिल बैठकर सुलझा लेना। जाहिलियत की तमाम बातों को खत्म करता हूं। जात बिरादरी, वतन, जुबान और हर तरह की रिवाज जो पहले से चली आ रही है उसे आज समाप्त करता हूं। जुलूस मे हाफिल अब्दूल वाहिद, मौलाना अब्दूल सत्तार, मौलाना अब्दूल मन्नान, मौलाना अताउररहमान, शाहवाज महमूद मीनू, मो खुशरू, मुखिया मोजाहिद अंसारी, मो नासिर, मो गुड्डू, मोजफ्फर आलम, सरपंच मो ताहिर हुसैन, मो जाहिद हुसैन, समेत मदरसा अशरफिया के सभी बच्चे व कर्मी सकरी के लोग शामिल थे।
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