बोकारो : पशु प्रेमियों के लिए खुशखबरी! बोकारो में गरुड़ मिला है. पेटरवार के निकट एक बरगद के पेड़ पर इसका घोसला व बच्च मिला है. विनोबा भावे विश्वविद्यालय के शोधार्थी सह आदर्श विद्या मंदिर-चास के शिक्षक (जीव विज्ञान) मिथिलेश दत्त द्विवेदी ने इस पक्षी के प्रजनन के बारे में जानकारी दी है.
श्री द्विवेदी ने पेटरवार के निकट 10 फरवरी को एक बरगद के पेड़ पर गरुड़ का घोंसला व बच्च देखा. दावा किया कि बोकारो में फिलहाल 11 गरुड़ हैं. श्री द्विवेदी ने बुधवार को ‘प्रभात खबर’ को बताया : गरुड़ अपना घोंसला अमूमन सेमर पर लगाता है.
लेकिन, पेटरवार के निकट एक बरगद के पेड़ पर तीन घोंसला मिला है. दो घोसला में दो-दो व एक घोसला में एक बच्च है. सभी बच्चे अगले 10 दिनों में अपनी पहली उड़ान भरेंगे. इससे साबित होता है कि बोकारो जिला में 11 गरुड़ है. गरुड़ के बच्चे 47-52 दिन में पहली उड़ान भरते हैं. कहा : झारखंड में यह पक्षी प्रजनन करते पेटरवार में दिखे हैं.
घायल स्थिति में मिले हैं गरुड़ : श्री द्विवेदी ने बताया : इससे पहले दो बार गरुड़ घायल अवस्था में झारखंड में मिले हैं.
घायल स्थिति में मिले हैं गरुड़ : श्री द्विवेदी ने बताया : इससे पहले दो बार गरुड़ घायल अवस्था में झारखंड में मिले हैं.
लगभग एक वर्ष पहले एक घायल गरुड़ पेटरवार में ही मिला था. इससे पहले जमशेदपुर में भी एक घायल गरुड़ मिला था. यह पक्षी लुप्तप्राय हो चुका है. विश्व स्तर पर यह पक्षी चीन व सिंगापुर से विलुप्त हो गया है. बर्ड लाइफ इंटरनेशनल (2001) के अनुसार, पूरे विश्व में इसकी संख्या मात्र 5000 है. ऐसे में बोकारो में गरुड़ मिलना उपलब्धि है.
* पर्यावरण संतुलन में मदद
गरुड़ पक्षी करीब एक मीटर ऊंचा होता है. यह दलदली इलाके में भोजन करता है. मछली, सांप, चूहा व मरे हुए जीवों को भी खाता है. इस तरह पर्यावरण के संतुलन में मदद करता है. इसलिए इसके संरक्षण की जरूरत है. यह पक्षी भगवान विष्णु का वाहन है. झारखंड में इसकी संख्या निश्चित नहीं है. पहली बार श्री द्विवेदी ने इस पक्षी के प्रजनन के बारे में जानकारी दी है. बोकारो में गरुड़ के मिलने से की खबर से पक्षी प्रेमी उत्साहित हैं.
गरुड़ पक्षी करीब एक मीटर ऊंचा होता है. यह दलदली इलाके में भोजन करता है. मछली, सांप, चूहा व मरे हुए जीवों को भी खाता है. इस तरह पर्यावरण के संतुलन में मदद करता है. इसलिए इसके संरक्षण की जरूरत है. यह पक्षी भगवान विष्णु का वाहन है. झारखंड में इसकी संख्या निश्चित नहीं है. पहली बार श्री द्विवेदी ने इस पक्षी के प्रजनन के बारे में जानकारी दी है. बोकारो में गरुड़ के मिलने से की खबर से पक्षी प्रेमी उत्साहित हैं.
* इन राज्यों में सर्वाधिक संख्या
दक्षिण पूर्व एशिया में गरुड़ की सर्वाधिक संख्या भारत के असम, पश्चिम अंगाल व बिहार के कोसी दियारा में है. असम में 2000, पश्चिम बंगाल व बिहार में 2000, कंबोडिया में 600-1000, नेपाल में 300 व म्यमार में 500 गरुड़ हैं. अर्थात विश्व स्तर पर इसकी संख्या बहुत कम मात्र में है. इसलिए इसको बचाने के लिए कार्य करने की जरूरत है. श्री द्विवेदी का दावा है कि इस खोज के बाद बोकारो का नाम विश्व स्तर पर होगा. पक्षी प्रेमी खुश होंगे.
दक्षिण पूर्व एशिया में गरुड़ की सर्वाधिक संख्या भारत के असम, पश्चिम अंगाल व बिहार के कोसी दियारा में है. असम में 2000, पश्चिम बंगाल व बिहार में 2000, कंबोडिया में 600-1000, नेपाल में 300 व म्यमार में 500 गरुड़ हैं. अर्थात विश्व स्तर पर इसकी संख्या बहुत कम मात्र में है. इसलिए इसको बचाने के लिए कार्य करने की जरूरत है. श्री द्विवेदी का दावा है कि इस खोज के बाद बोकारो का नाम विश्व स्तर पर होगा. पक्षी प्रेमी खुश होंगे.
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