प्रशिक्षु दारोगा की तलाश जारी
कई थानों की पुलिस जुटी तलाश में
मधुबनी : कहां गए लखनौर थाना पर पदस्थापित प्रशिक्षु दारोगा पीएसआई एसके सुमन यह मधुबनी पुलिस के लिए यक्ष प्रश्न बन गया है. मुंबई में हुए चोरी की घटना में पुलिस के दामन पर जो छीटे लगी है उस धब्बे को साफ़ करने के लिए पुलिस की कार्यप्रमाणी में सुधार करना होगा नहीं तो पुलिस पर बदनामी का धब्बा रहेगा.
मधुबनी : कहां गए लखनौर थाना पर पदस्थापित प्रशिक्षु दारोगा पीएसआई एसके सुमन यह मधुबनी पुलिस के लिए यक्ष प्रश्न बन गया है. मुंबई में हुए चोरी की घटना में पुलिस के दामन पर जो छीटे लगी है उस धब्बे को साफ़ करने के लिए पुलिस की कार्यप्रमाणी में सुधार करना होगा नहीं तो पुलिस पर बदनामी का धब्बा रहेगा.
मुंबई के व्यवसायी ने लखनौर थाना व झंझारपुर अनुमंडल पुलिस पर जो गंभीर आरोप लगाया है व डीजीपी नीलमणि ने त्वरीत कार्रवाई कर थानाध्यक्ष विजय कुमार सिंहा व पीएसआई एसके सुमन के बर्खास्तगी के आदेश दिए है इससे इस बात को बल मिलता है कि कहीं न कहीं इतने बडे हाइ प्रोफ़ाइल चोरी के मामले में हुए ज्वेलरी की बरामदगी में पुलिस की निष्पक्षता व ईमानदारी संदिग्ध है.
माजरा क्या है
मशहूर फ़िल्म अभिनेता स्व. अमजद खां के नजदीकी रिश्तेदार के घर मुंबई में हुए चोरी का मामला तूल पकड्ता जा रहा है. अप्रैल माह में मुंबई के व्यवसायी मुर्तजा अली अहुआ के घर स्व. खां के घर में वर्षो से काम कर रहे भगवान नाम के नौकर ने राजू नाम के लड्के को नौकर के रूप में रखा. भगवान ने विक‘म के कहने पर राजू को नौकरी पर रखा.
व्यवसायी श्री अहुआ ने बताया कि राजू का चरित्र शुरू से ही संदेहास्पद था उसने अपना पता बेता चौक राज कुमार गंज दरभंगा बताया था. जून महीना में मुंबई के व्यवसायी श्री अहुआ सपरिवार अजमेर शरीफ़ व महाबलेश्वर तीर्थ यात्रा पर गए. मुंबई में श्री आहुआ के दो घर है जिस घर में अहुआ व उनका परिवार रहता था उसके अलावे दुसरे घर में राजू रहता था व उस घर में काम चल रहा था.
मकान मालिक के बाहर जाने के बाद नौकर राजू ने दूसरे घर का ताला तोड् कर घर का बहुमूल्य जेवर व 5 लाख रूपया नगद लेकर वहां से चंपत हो गया. इससे पूर्व नौकरी करने के दौरान राजू ने मोबाइल खोने का बहाना बनाकर पूर्व से घर में काम कर रही नौकरानी के मोबाइल पर अपने परिचितों से बात करता था और यही मोबाइल अंतत: राजू को पकड्वाने में सहायक रहा.
कौन है यह राजूलखनौर थाना के मैवी गांव का मूल निवासी राजू का असली नाम लाल बाबू है. इसके पिता कमला साह लौफ़ा गांव के हाट पर गुड् बेचने का काम करते हैं. इस तरह की चोरी की घटना को वह पूर्व में भी अंजाम दे चुका है ऐसा वहां के लोगों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राप्त हुआ है.
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