खास रिपोट : अयाज़ महमूद रूमी
डायन के नाम पर प्रताडि़त हो रहीं गरीब महिलाएं
मधुबनी, :जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी डायन के नाम पर गरीब महिलाओं को प्रताड़ित करने का सिलसिला जारी है। पुलिस भी मानती है कि ऐसी घटनाएं हो रही हैं लेकिन प्रति वर्ष ऐसी कितनी घटनाएं होती हैं इसका आंकड़ा महकमा के पास नहीं है। इस संबंध में पुलिस का तर्क है कि डायन प्रताड़ना से संबंधित मामलों को अन्यान्य मामलों में जोड़ दिया जाता है। इसलिए विभाग के पास आंकड़ा नहीं है। वैसे इस जिले में डायन प्रताड़ना से संबंधित कम घटनाएं होती हैं। गत जुलाई व अगस्त माह में दो घटनाएं प्रतिवेदित हुई। दोनों मामले जयनगर थाना क्षेत्र में हुए।
29 मई 2011 : जयनगर थाना के परसा गांव के सुरेन्द्र मंडल ने डायन के आरोप में लाल मंडल की पत्नी सरस्वती देवी के साथ अभद्र व्यवहार किया। इस संबंध में जयनगर थाना में कांड संख्या 99/11 के तहत दर्ज प्राथमिकी में सुरेन्द्र मंडल को नामजद किया गया।
दिनांक 9 जुलाई 2011। जयनगर थाना की बैरा पंचायत के गुमानी टोला निवासी राम उदगार सहनी की पच्ी सीता देवी को गांव के कुछ लोगों ने डायन का आरोप लगाकर मैला खिलाकर पिटाई कर दी। इस संबंध में पीड़िता के बयान पर जयनगर थाना में कांड संख्या 142/11 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी,जिसमें सूर्यदेव सहनी, राम बाबू सहनी, पावित्री देवी, शारदा देवी व कुमारी देवी को आरोपी बनाया गया।
तफ्तीश : डायन का आरोप गलत निकला
उक्त दोनों कांडों की जब पुलिसिया तफ्तीश की गयी तो दोनों मामलों में डायन का आरोप गलत निकला। महिला के साथ मारपीट व दुर्व्यवहार का आरोप सही निकला। थाना प्रभारी कुमार कीर्ति का कहना है कि कांड संख्या 142/11 में आरोप पत्र गठित किया जा चुका है। सभी आरोपी जमानत पर हैं। कांड संख्या 99/11 का आरोपी फरार है।
सामान्य जीवन जी रहीं आरोपित महिलाएं
डायन के आरोपी महिलाएं अपने परिवार व समाज के साथ सामान्य जीवन जी रही हैं। परिवार व समाज से मिले प्रोत्साहन, प्यार व सम्मान के कारण वे अपने साथ घटित सदमा भूल चुकी हैं। कांड संख्या 99/11 के आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से पीड़िता व उनके परिजनों में आक्रोश व्याप्त है। बैरा गांव के ग्रामीण दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने में लगे हैं।
समाज पीड़िता के साथ
बैरा गांव के कमल साह कहते हैं कि अनावश्यक रूप से महिला को डायन होने का आरोप लगाकर प्रताड़ित किया गया। गांव की महिला विमला देवी कहती हैं समाज गीता देवी के साथ है। उसे ससम्मान जीने का हक है। वहीं परसा गांव के रामदेव पासवान ने कहा कि आरोपित सुरेन्द्र मंडल पर ग्रामीणों का भारी आक्रोश व्याप्त है। प्रमिला देवी ने कहा कि सरस्वती देवी पर लगाया गया आरोप गलत है। इसलिए वे गांव में ससम्मान जी रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अंधविश्वास के चक्कर में आ लोग डायन का आरोप लगाते हैं। अधिकांश लोगों ने बताया कि डायन भ्रम है। ऐसी कोई चीज नहीं है।
पुलिस संवेदनशील : एसपी
पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार ने कहा कि डायन प्रताड़ना मामले में महकमा काफी गंभीर है। सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित किया जा चुका है कि डायन प्रताड़ना से संबंधित जो भी मामले आएं उस पर अविलम्ब प्राथमिकी दर्ज की जाए। प्राथमिकी के साथ अनुसंधान शुरू कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। पीड़ित महिलाओं को पूर्ण सुरक्षा का प्रावधान है। संबंधित गांव के चौकीदार को पीड़िता के घर पर तैनाती कर दी जाती है एवं थाना अध्यक्षों को कहा जा चुका है कि अगर वे गश्ती पर जाएं तो पीड़ित महिला का कुशलक्षेम लें।
विधायक ने नहीं की पहल
खजौली विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत जयनगर थाना क्षेत्र में पिछले पांच माह में डायन प्रताड़ना से संबंधित दो मामले दर्ज किए गए। लेकिन क्षेत्र के विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने एक मामला में भी पहल नहीं की। इस संबंध में विधायक ने बताया कि 21वीं सदी में भी अंधविश्वास के सहारे अशिक्षित समाज में महिला को डायन बताकर मानवता को कलंकित करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। अशिक्षित समाज के बीच राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं को जागरुकता अभियान चलाकर इस कुप्रथा पर रोक लगाने की दिशा में सार्थक प्रयास करना चाहिए।
मानवाधिकार का उल्लंघन : अनिता
स्थानीय व्यवहार न्यायालय की सीनियर वकील अनिता झा का कहना है कि डायन कह कर प्रताड़ित करना मानवाधिकार का उल्लंघन है। इससे संबंधित मामले में दोषियों के विरूद्ध तीन से छह माह के कैद की सजा का प्रावधान है। अगर केस में सिर्फ डायन शब्द कह कर पुकारने का आरोप लगाया जाता है कि तुरंत जमानत मिल जाती है। लेकिन अगर डायन कह कर टार्चर किया जाता है तो इसमें जेल जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि संविधान में डायन शब्द का कोई उल्लेख नहीं है।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें