नीतीश सरकार बाढ़ राहत
के प्रति गंभीर : भीम सिंह
मधुबनी,नीतीश सरकार बाढ़ राहत के प्रति गंभीर है। बैठक में राजनीतिक दलों के सुझाव के बाद बनी राय के अनुसार जिला प्रशासन राहत कार्य चलाएगा। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारी पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत एफआइआर दर्ज कार्रवाई की जाएगी। ये बातें शनिवार को समाहरणालय के सभागार में आपदा की विशेष बैठक में ग्रामीण कार्य मंत्री सह जिला के प्रभारी मंत्री भीम सिंह ने कही।
उन्होंने कहा कि हर हाल में बाढ़ पीड़ितों को सरकारी नियम के अनुसार राहत मुहैया करायी जाएगी। बैठक में उपस्थित विधायकों, विभिन्न राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों, प्रमुखों की राय जानने के बाद बेनीपट्टी सीओ से आपदा का प्रभार लेकर बीडीओ को देने का निर्देश दिया।
इससे पूर्व इस विशेष बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों ने बेनीपट्टी, विस्फी व मधवापुर में बाढ़ की स्थिति व वहां किए जा रहे कार्यो के बारे में जानकारी दी। मधुबनी के विधायक रामदेव महतो ने कहा कि बेनीपट्टी के तीनों प्रखंडों में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। भारी तबाही का कारण अधवारा समूह की नदियों के साथ साथ इस बार खिरोई नदी का पानी आ जाना है। उन्होंने एसएच के बेनीपट्टी से बसैठ तक तीन जगहों पर पक्का डायवर्सन नहीं बनाए जाने से राहत सामग्री को सही स्थानों पर भेजने में कठिनाई आ रही है। उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने का आग्रह किया। कहा कि यदि उक्त तीनों डायवर्सन पक्का होता तो राहत सामग्री भेजने में सहुलियत होती।
विस्फी के विधायक डा. फैयाज अहमद ने कहा कि विस्फी में बाढ़ आने का मुख्य कारण महाराजी बांध का सही तरीके से मरम्मत नहीं करना है। वहां के भयावह स्थिति का व्योरा पेश करते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाई है, लेकिन वहां अभी भी हजारों की आबादी गावों में फंसी हुई है जिसको तत्काल राहत सामग्री देना अत्यन्त ही जरूरी है। विधायक विनोद नारायण झा ने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान कहीं भी प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ पूर्व तैयारी जैसी कोई बात नहीं दिखी। कहा कि इसकी समीक्षा जरूरी है। श्री झा ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि बाढ़ पूर्व तैयारी का आलम यह है कि एनडीआरएफ का मोटरवोट डीजल के अभाव में घंटों रूका रहता है। आखिर इसकी जिम्मेदारी किसकी है। राजनीति प्रतिनिधि नीलाम्बर झा ने कहा कि बेनीपट्टी व बसैठ के बीच तीनों डायवर्सन पर सरकारी नाव की व्यवस्था हो एवं नजरा, सोइली, बेनीपट्टी, उच्चैठ व बसैठ में राहत केन्द्र की स्थापना हो। कांग्रेस प्रतिनिधि शीतलाम्बर झा ने कहा कि हालांकि प्रारंभिक स्तर पर जिला प्रशासन सतर्क दिखी। उन्होंने कहा कि इस बाढ़ से बेनीपट्टी के तीनों प्रखंडों सहित रहिका, राजनगर व मधेपुर में फसल की व्यापक क्षति हुई है। इस विषय पर भी किसानों को राहत मिलनी चाहिए। राहत कार्य चलाने के लिए प्रखंड स्तर पर राजनीतिक दलों की निगरानी समिति बने। उन्होंने नागदह में वर्षा के कारण घर के नीचे दबकर मरने वाले मां-बेटे को मुआवजा देने व भीषण वर्षा में गिरे घरों के स्थान पर इन्दिरा आवास की सुविधा देने की बात कही। माले नेता ध्रुव नारायण कर्ण ने कहा कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में नाव की भारी कमी देखी जा रही है जिसकी व्यवस्था अविलंब होनी चाहिए। साथ ही फसल क्षति का सही आकलन होना चाहिए। बैठक में आपदा प्रबंधन द्वारा दिये गए नाव संबंधी आंकड़ा को भ्रामक बताते हुए प्रतिनिधियों ने अब भी चेतते हुए शीघ्र पर्याप्त संख्या में नाव की व्यवस्था करने की मांग की। बैठक में प्रखंड प्रमुख, राजनीतिक दलों के जिलाध्यक्ष, विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। डीएम संजीव हंस ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में अब तक किये गए कार्यो से उपस्थिति प्रतिनिधियों को अवगत कराया।
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