मधुबनी : चावल उत्सव योजना जिले में पूरी तरह फ्लॉप हो चुकी है.
एसएफ़सी, एससीआइ एवं डीलरों के त्रिकोणात्मक टक्कर में जिले के करीब 5 लाख बीपीएल परिवार को एक मुश्त 20 किलो ग्राम अनाज मिलने की आशा पर पानी फ़िर गया है. सरकार ने गरीबों को सहायतार्थ चावल उत्सव का संचालन शुरू किया था. जिसके तहत बीपीएल परिवारों को प्रत्येक माह मिलने वाली अनाज के अलावे एक मुश्त 20 किलो चावल देने की योजना थी. यह योजना जिले में 13 सितंबर से 19 सितंबर तक चलायी गयी.
आवंटन में कटौती
चावल उत्सव योजना के तहत जिले में 127055.20 क्विंटल की आवश्यकता थी. जिसके लिये जिले के डीलरों ने एक लाख 20761.45 रुपये एसएफ़सी में जमा किया. इसके बदले एफ़सीआइ से एसएफ़सी को मात्र 27 हजार क्विंटल चावल ही आपूर्ति की गयी. डीलरों के मांग को देखते हुए एसएफ़सी अपने गोदाम में रखे अन्य योजना के चावल इस योजना में देकर कुल 47929.69 क्विंटल डीलरों को दिया. जिसमें से वितरण में लापरवाही बरतते हुए डीलरों ने मात्र 34709.20 क्विंटल अनाज वितरण किया.
चावल उत्सव योजना के तहत जिले में 127055.20 क्विंटल की आवश्यकता थी. जिसके लिये जिले के डीलरों ने एक लाख 20761.45 रुपये एसएफ़सी में जमा किया. इसके बदले एफ़सीआइ से एसएफ़सी को मात्र 27 हजार क्विंटल चावल ही आपूर्ति की गयी. डीलरों के मांग को देखते हुए एसएफ़सी अपने गोदाम में रखे अन्य योजना के चावल इस योजना में देकर कुल 47929.69 क्विंटल डीलरों को दिया. जिसमें से वितरण में लापरवाही बरतते हुए डीलरों ने मात्र 34709.20 क्विंटल अनाज वितरण किया.
लाखों परिवार वंचित
चावल उत्सव योजना के लाभ से लाखों परिवार वंचित रह गये. जिले में आपूर्ति विभाग के अनुसार 6 लाख 35276 बीपीएल परिवार हैं. जबकि श्रम विभाग के रिपोर्ट के अनुसार 7 लाख 82 हजार 224 बीपीएल परिवार हैं. जिसमें से मात्र 1 लाख 73 हजार 546 बीपीएल परिवार को ही चावल उत्सव योजना के तहत चावल दिया गया.
चावल उत्सव योजना के लाभ से लाखों परिवार वंचित रह गये. जिले में आपूर्ति विभाग के अनुसार 6 लाख 35276 बीपीएल परिवार हैं. जबकि श्रम विभाग के रिपोर्ट के अनुसार 7 लाख 82 हजार 224 बीपीएल परिवार हैं. जिसमें से मात्र 1 लाख 73 हजार 546 बीपीएल परिवार को ही चावल उत्सव योजना के तहत चावल दिया गया.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
इस बाबत आपूर्ति प्रभारी पदाधिकारी मो. जियाउल्लाह ने बताया कि चावल का रैक समय पर उपलब्ध नहीं होने के कारण एफ़सीआइ द्वारा एसएफ़सी को चावल नहीं दिया गया. रैक लगते ही चावल का वितरण शुरू हो जायेगा. बाबूबरही प्रतिनिधि के अनुसार, सरकार द्वारा चलाये गये मुख्यमंत्री चावल उत्सव योजना बाबूबरही प्रखंड में पूरी तरह विफ़ल रही है.
इस बाबत आपूर्ति प्रभारी पदाधिकारी मो. जियाउल्लाह ने बताया कि चावल का रैक समय पर उपलब्ध नहीं होने के कारण एफ़सीआइ द्वारा एसएफ़सी को चावल नहीं दिया गया. रैक लगते ही चावल का वितरण शुरू हो जायेगा. बाबूबरही प्रतिनिधि के अनुसार, सरकार द्वारा चलाये गये मुख्यमंत्री चावल उत्सव योजना बाबूबरही प्रखंड में पूरी तरह विफ़ल रही है.
जबकि पूरे प्रखंड क्षेत्र में 72 जनवितरण प्रणाली के दुकानदार है प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि मुख्य मंत्री उत्सव चावल योजना बीपीएल परिवारों को 20 किलों चावल प्रत्येक परिवार को 13 सितंबर से 19 सितंबर तक देना था लेकिन बाबूबरही प्रखंड में 58 जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों के द्वारा ही उक्त योजना का चावल उठाव नहीं किया गया, अभी मात्र 14 जनवितरण प्रणाली के दुकानदार उत्सव चावल उठाया गया है.
महेशवाड़ा पंचायत में गरीब बीपीएल धारी का अनाज विगत वषों से उठाव नहीं करने पर पंचायत के दलित, महादलित रामकलेवर पासवान, रामउद्गार भिंडवार, जगदीश पासवान, राशलाल पासवान, बुधन महरा, रामप्रीत पासवान, महेंद्र पासवान ने लिखित आवेदन जिला पदाधिकारी मधुबनी को दी हैं. मुख्यमंत्री उत्सव चावल महेशवाड़ा पंचायत में वितरण नहीं करने से पंचायत के गरीब बीपीएल धारी में आक्रोश देखा जा रहा है.
इधर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि एसएफ़सी गोदाम में चावल नहीं रहने के कारण उक्त डीलरों द्वारा चावल नहीं बांटा गया है.मधेपुर प्रतिनिधि के अनुसार,प्रखंड में बीपीएल परिवारों को चावल उत्सव योजना के तहत मिलने वाली 20 किलो चावल पर ग्रहण लग गया है. बता दें कि 15 अगस्त से शुरू हुई इस योजना के तहत सभी बीपीएल परिवारों को सरकार द्वारा निर्धारित दर पर 20 किलो चावल दिया जाना था. लेकिन एफ़सीआइ में चावल नहीं रहने के कारण इस योजना पर ग्रहण सा लग गया है.
इस बाबत मधेपुर के अंचलाधिकारी से आपूर्ति पदाधिकारी रविशंकर पांडेय ने बताया कि मधेपुर, नवादा व महिसाम पंचायत के मात्र 13 डीलरों को माल उपलब्ध हो गया जिसका वितरण शुरू करने का निर्देश दिया गया है. शेष पंचायतों में एफ़सीआइ में माल उपलब्ध होते ही डीलरों को आपूर्ति कराया जायेगा. ज्ञात हो कि प्रखंड में कुल 34722 परिवारों बीपीएल धारी हैं.
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