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जेनेरिक दवाएं: कम खर्च में फायदे अधिक


जेनेरिक दवाएं क्या होती हैं, इसके बारे में कम ही लोगों को जानकारी है। पिछले
 कुछ समय में इसके प्रति लोगों की जागरूकता और उत्सुकता बढ़ी है। ये दवाएं ब्रांडेड दवाओं से कितनी अलग हैं, इसके बारे में लोगों में अभी भी भ्रम है। जिन लोगों को थोड़ी बहुत जानकारी है, उन्हें भी पता नहीं कि ये कहां मिलती हैं। भारत में स्वास्थ्य सेवाएं विकसित देशों की तुलना में काफी सस्ती हैं, लेकिन अधिक लोगों की पहुंच से दूर हैं। इसका एक प्रमुख कारण महंगी दवाएं भी हैं। ऐसे में जेनेरिक दवाएं स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आम जनता तक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। जेनेरिक दवाएं 
दवाएं तीन तरह की होती हैं- जेनेरिक, कम प्रसिद्ध ब्रांड की और अधिक प्रसिद्घ ब्रांड की। जेनेरिक दवाएं उन्हें कहते हैं, जो अपने रासायनिक नाम से बनाई और बेची जाती हैं, जबकि ब्रांडेड दवाएं वह होती हैं, जो किसी विशेष कंपनी के द्वारा बनाई जाती है। कोई भी दवा चाहे वह ब्रांडेड हो या जेनेरिक, उसकी रासायनिक संरचना समान होती है। इसके सक्रिय घटक बिल्कुल समान होते हैं। हालांकि निष्क्रिय घटक जिसमें स्वाद, रंग, गंध आदि शामिल हैं, अलग हो सकते हैं। जेनेरिक दवाओं का भी उतना ही डोज लेना होता है और इनका शरीर पर वैसा ही प्रभाव होता है, जैसा ब्रांडेड दवाओं का। प्रामाणिकता है वही
दवाएं चाहे ब्रांडेड हों या नहीं, उन्हें सरकार का प्रमाणपत्र जरूर प्राप्त होना चाहिए। हमारे देश में यह होता तो है, लेकिन उतने स्पष्ट तरीके से नहीं जितने स्पष्ट तरीके से पश्चिमी देशों में। अपने देश में अलग-अलग ब्रांड की दवाओं की कीमतों में भी अंतर है।
  
पेरासिटामोल अगर दो रुपए में मिल रही है तो 24 रुपए में भी मिल रही है। ऐसे में इन दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठना स्वाभाविक है। हमारे हॉस्पिटल में जेनेरिक दवाएं प्रिस्क्राइब नहीं की जातीं, क्योंकि हमें नहीं पता कि ये दवाएं कहां और किस प्लांट में बनी हैं और इनकी गुणवत्ता का स्तर क्या है। वैसे हम अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के मुकाबले भारतीय ब्रांडेड दवाओं को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि ये तुलनात्मक रूप से सस्ती होती हैं। दिल्ली स्थित जनऔषधि केंद्र जनऔषधि जेनेरिक ड्रग स्टोर, 
केंद्रीय भंडार, शास्त्री भवन
नई दिल्ली 110001 जन औषधि, केंद्रीय भंडार 
ई. विंग, पहली मंजिल
मदनगीर मार्ग
नई दिल्ली-110062 जनऔषधि, केंद्रीय भंडार, 
शॉप नं 9, गेट नं 3 के पास,
गुरू तेग बहादुर अस्पताल,
दिलशाद गार्डन-110095 जन औषधि, केंद्रीय भंडार,
गेट नं 5 के पास 
दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, 
हरी नगर, नई दिल्ली डेलही जेनेरिक मेडिसीन डीलर्स (गैर सरकारी)
जे पी बिल्डिंग, भागीरथ पैलेस, 
नई  दिल्ली-110006 प्रमुख वेबसाइटें
www.gphaonline.org  
www.safemedicinesindia.in महत्त्वपूर्ण तथ्यभारत में जनेरिक दवाओं की खपत मात्र 2 प्रतिशत है। 
एनएसओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत जैसे विकासशील देश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा का 79 प्रतिशत तो दवाओं पर ही खर्च हो जाता है। 
विश्व स्वास्थ संगठन के 2008 के आंकड़ों के अनुसार भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या की आधुनिक चिकित्सा तक पहुंच नहीं है। भ्रम और सच्चाई
जनेरिक दवाईयों के बारे में यह सबसे ज्यादा आम धारणा है कि इनकी गुणवत्ता ब्रांडेड दवाओं के मुकाबले कम होती है। यह भ्रम है। 
जेनेरिक दवाएं, उतनी ही प्रभावी और शक्तिशाली होती हैं जितनी ब्रांडेड।
इनका उपयोग भी ब्रांडेड दवाओं की तरह किया जाता है।
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Milan Tomic

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